सही साइज की ब्रा कैसे चुनें बैंड और कप साइज कैसे मापें
क्या आपको ऐसा लगता है कि एक भी ब्रा ऐसी नहीं है जो आपको पूरी तरह से फिट आती हों? अगर आप इस बारे में चिन्तित हैं कि किस माप की ब्रा खरीदें तो इन बातों के लिए परेशान होने या अनुमान के आधार पर ब्रा खरीदने के बजाए पहले घर पर हीं थोड़ा होमवर्क कर लें। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी ब्रेस्ट का सही माप लें जिससे आपकी ब्रा आपको बिल्कुल फिट आएं।
ब्रेस्ट साइज और ब्रा का कप साइज जानना इस लिए भी जरूरी है क्योंकि आजकल विभिन्न स्टाइल के उत्पाद बाजर में उपलब्ध है और सभी के नम्बर या साईज का माप भिन्न होता है। कप साइज का माप अलग होता है जो आपके स्तनों को सुंदर और सुडौल दिखाने के लिए आवश्यक है। तो आइये जानते है स्तनों के आकार का पता कैसे लगाया जाएँ।
महिलाओं के लिए सही ब्रा को पहनना जरूरी होता है, लेकिन ये जितना महत्वपूर्ण विषय है, उतनी ही कम इसकी चर्चा होती है। अध्ययन से पता चला है कि 70-80% महिलाएं गलत साइज की ब्रा पहनती हैं। इसकी वजह से गर्दन में दर्द, कंधे में दर्द, कमर में दर्द, यहाँ तक की सिरदर्द भी हो सकता है। अब कई डॉक्टर और फ़िज़ियोथेरेपिस्ट भी इस बात को मानने लगे हैं।
इसके अलावा सही ब्रा का चयन न करने से आपको सांस लेने में मुश्किल, किसी भी कार्य करने में असहजता, कंधों पर रैशेज और दर्द हो सकता है। ब्रा पहनने से महिलाओं के स्तनों को आवश्यक सपोर्ट मिलता है, जिससे उनके स्तनों का आकार ठीक बना रहता है और पीठ पर अतिरिक्त बोझ भी नहीं पड़ता है। कई महिलाओं का मानना है कि जिनके स्तनों का आकार बड़ा होता है, उन महिलाओं को ही ब्रा पहनने की आवश्यकता होती है। लेकिन ये भी बिलकुल गलत है – चाहे आपके स्तन का आकार कैसा भी हो, सही साइज की ब्रा अवश्य पहननी चाहिए।
समय-समय पर बदलें अपनी ब्रा
वज़न बढ़ने, घटने, हार्मोनल चेंजेस, प्रेग्नेंसी ऐसी कई वजह हैं, जिनकी वजह से आपके ब्रेस्ट साइज़ में अंतर आता है. इसलिए हर बार ब्रा का साइज़ जांच कर ही ख़रीदें. क्या आपके कपड़ों का साइज़ आजीवन एक ही रहता है? तो उसी तरह ज़िंदगीभर आपका काम एक ही साइज़ की ब्रा से नहीं चलने वाला. भले ही देखने में आपको चेस्ट साइज़ में कोई अंतर न लगे, लेकिन जब आप अपनी रेगुलर साइज़ के क़रीबी साइज़ वाली ब्रा आज़माएंगी, तो आपको ख़ुद ही समझ आ जाएगा कि आपके लिए बेहतर विकल्प क्या है. ब्रा की फ़िटिंग का पूरा ख़्याल रखें. बहुत ज़्यादा कसी या बहुत ज़्यादा ढीली ब्रा न पहनें. विशेषज्ञ बताते हैं कि ढीली या टाइट ब्रा पहनने से बेहतर है कि ब्रा पहनी ही न जाए. कई बार महिलाएं रैशेस से बचने के चक्कर में ढीली ब्रा पहनती हैं, जो उनके ब्रेस्ट्स के आकार को बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाती हैं.
मांसपेशियों के अलावा, स्तन एक तरह के फैट से बने ऊतकों से बने होते हैं (इस वजह से जब महिलाओं का वजन कम होता है, तो स्तन का आकार भी कम हो जाता है)। स्तनों में जो मासपेशियां होती हैं, वह काफी अंदर की तरफ होती हैं, जिसकी वजह से स्तनों को उनसे ज्यादा सहारा नहीं मिलता है। इसके अलावा, पूरे स्तन में कूपर लिगमेंट (Cooper Ligament, लिगमेंट यानी स्नायु) होते हैं, लेकिन ये ज्यादा मजबूत नहीं होते।
अगर आपने सही साइज की ब्रा नहीं पहनती, तो ये कूपर लिगमेंट ढीले पड़ने शुरू हो जाते हैं और स्तन लटकने शुरू हो जाते हैं। और इनको ठीक करने का इलाज नहीं है। लटकने के आलावा, स्तन में दर्द भी हो सकता है।
सही ब्रा का चयन करना कुछ भी नहीं है, बल्कि हर प्रकार के सटीक ब्रा आकार को जानना है। हालांकि हम इस संख्या पर सिर्फ जादुई तरीके से नहीं पहुंच सकते हैं। इससे पहले कि हम अन्य पहलुओं को मापने और समझने के तरीके को सीखे उससे पहले कुछ संकेतों के बारे में जानते हैं
आपकी ब्रा को शरीर के चारों ओर फिट होनी चाहिए। यह न तो बहुत तंग होनी चाहिए और न ही ढीली होनी चाहिए। हमेशा सबसे निकटतम पिन पर अपनी ब्रा को हुक करें। जब ब्रा समय के साथ ढीली हो जाती है तब हुक नेक्स्ट पिन पर लगाएं।यदि आपकी ब्रा आपकी पीठ पर घूम रही है तो इसका मतलब है कि आपको एक छोटे आकार वाले बैंड की ब्रा की आवश्यकता है।आगे की ओर बेंड करें और अपनी ब्रा पहनें जिससे कि सब कुछ कप में चला जाएँ और तार के नीचे कुछ भी ना लटकें। सुनिश्चित करें कि कप तना हुआ है और उसमें कोई अतिरिक्त जगह ना हों।
यदि आपकी ब्रा पट्टियां आपके कंधों में चुभ रही हैं तो आपको एक बड़े आकार की ब्रा की आवश्यकता है।
जब आप ऊपर या नीचे होते हैं (वजन कम या अधिक होना) तो आपकी ब्रा का आकार, कप का आकार भी अलग होता है। उदाहरण के लिए, यदि आपका आकार 34 बी है, तो आपके लिए एक बड़ा आकार 36 ए होगा या यदि आप एक छोटे आकार चाहते हैं तो आप 32C चुनें।याद रखें कि आपके स्तन कोहनी और कंधों के बीच में होने चाहिए।
ज़्यादा टाइट या ढीली ब्रा न पहनें
अक्सर ब्रेस्ट को छोटा दिखाने के चक्कर में लड़कियां कसी हुई ब्रा पहन लेती हैं, लेकिन इससे आपके ब्रेस्ट का रक्त प्रवाह बिगड़ने और रैशेस आने के अलावा कुछ नहीं होनेवाला. सही आकार और साइज़ का ब्रा पहनने से आपके ब्रेस्ट अपने सबसे बेहतरीन आकार में दिखाई देंगे. इसलिए कभी भी ब्रा साइज़ के साथ समझौता न करें.
अब सवाल यह खड़ा होता है कि ब्रा का सही साइज़ कैसे चुनें. तो यहां हम आपकी इस प्रक्रिया में मदद कर रहे हैं.
कैसे नापें
* जहां ब्रा की बैंड होती है- कमर के ऊपर- उस हिस्से पर इंची टेप लपेटकर साइज़ नापें. बहुत ज़्यादा कसकर माप न लें. यदि आपका माप पॉइंट्स में आता है, तो कम के बजाय ज़्यादा नंबर की ब्रा लें. जैसे 33.5 आने पर 34 साइज़ की ब्रा आज़माएं, ना कि 33. कप साइज़ का भी ख़्याल रखें. कप साइज़ के लिए ब्रेस्ट का माप इंचीटेप से लें.
* ब्रा ट्राइ करते समय ख़्याल रखें कि स्ट्रैप्स सही ढंग से आपके कंधों पर बैठें. वे बहुत ज़्यादा कसे या कंधों पर से गिरते हुए न हों. इसके अलावा अपने ब्रेस्ट के साइज़ के अनुसार स्ट्रैप्स की चौड़ाई चुनें. स्ट्रैप्स का काम है, आपके कप्स को सपोर्ट करना.
* बैंड कंधे और कुहनी के बीच में होना चाहिए. बहुत ऊपर या बहुत नीचे नहीं. यह एक ट्रिक है, जिससे आप समझ सकती हैं कि आप सही ब्रा ख़रीद रही हैं या नहीं.
* कप्स में आपका ब्रेस्ट पूरी तरह समाना चाहिए, बशर्ते आप पुश अप्स ब्रा न ख़रीद रही हों. पुश अप्स में भी ब्रेस्ट का पूरा निचला हिस्सा ब्रा के कप्स में अच्छी तरह फ़िट बैठना चाहिए.
* ब्रा पहनने के बाद हिलते-डुलते वक़्त नीचे का हिस्सा उठना नहीं चाहिए. फिर चाहे ब्रा वायर्ड हो या नॉन-वायर्ड. पहनने के बाद ब्रा का हर हिस्सा पूरी तरह से आपकी त्वचा पर चिपका हुआ लगना चाहिए. और जब भी आप हिलें या हाथ उठाएं तो ऊपर ना चढे. ब्रा मापते वक़्त हाथों को ऊपर उठाकर, झुककर ज़रूर जांचें.
* हर टाइप की ब्रा आपके लिए सही हों, ज़रूरी नहीं. बड़े ब्रेस्ट वाली महिलाओं के लिए टी शर्ट ब्रा या पुश-अप्स ब्रा उतनी कारगर नहीं होतीं, जितनी की मीडियम साइज़ कप वाली महिलाओं के लिए. उसी तरह छोटे ब्रेस्ट वाली महिलाएं बहुत ज़्यादा पैडिंग कर चेस्ट को बड़ा दिखाने की ग़लती न करें. इससे आपके ब्रेस्ट को ब्रीदिंग का मौक़ा नहीं मिलता. इसके अलावा कपड़ों में आपके चेस्ट का आकार भी सुडौल नज़र नहीं आता.