खाने में जरूर डालें ये 5 मसाले, शरीर में भर जाएगी एनर्जी
भारतीय खाने को दुनियाभर में अपने मसालों की वजह से जाना जाता है. मसाले न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद लाभकारी साबित होते हैं. अलग-अलग मसालों की अपनी अलग विशेषता होती है. हल्दी को एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर माना जाता है, तो काली मिर्च में पिपेरिन नामक पावरफुल कंपाउंड होता है. आज आपको 5 ऐसे मसालों के बारे में बताएंगे, जो गजब के लाभ दे सकते हैं.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक काली मिर्च (Black pepper) को खाने में डालने से सेहत को बड़े फायदे मिल सकते हैं. काली मिर्च में पिपेरिन होता है, जो आपके ब्रेन में न्यूरोट्रांसमीटर एक्टिविटी बढ़ाकर मेमोरी को सुधार सकता है. यह आपके कॉग्निटिव फंक्शन को भी दुरुस्त कर सकता है. पिपेरिन शरीर को खाने से मिलने वाले पोषक तत्वों के अवशोषण में सहायता करने के लिए भी जाना जाता है.
दालचीनी (Cinnamon) एक ऐसा मसाला है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है. दालचीनी का नियमित रूप से सेवन करने से डायबिटीज से बचाव हो सकता है. दालचीनी मसाला इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और इंसुलिन रजिस्टेंस को कम करके ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है. स्टेबल ब्लड शुगर ब्रेन के कामकाज को दुरुस्त रखता है और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से बचा सकता है.
अदरक (Ginger) को सेहत के लिए बेहद चमत्कारी माना जाता है. हजारों वर्षों से चीनी और भारतीय चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता रहा है. अदरक में जिंजरोल नामक कंपाउंड होता है, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. अदरक सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके कॉग्निटिव फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है. यह न्यूरोट्रांसमीटर संतुलन में भी सहायता करता है.
जायफल (Nutmeg) को देसी दवा के साथ खाने-पीने में खूब इस्तेमाल किया जाता है. जायफल में मिरिस्टिसिन कंपाउंड होता है, जो अपने न्यूरोप्रोटेक्टिव गुणों के लिए जाना जाता है. जायफल याददाश्त को बढ़ाता है और मूड को बूस्ट करता है. यह मेंटल हेल्थ के लिए वरदान माना जा सकता है. जायफल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स के बुरे असर से बचा सकता है.
हल्दी (Turmeric) को औषधीय गुणों का खजाना माना जाता है. हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर यौगिक है. हल्दी लिवर को डिटॉक्स करती है और नेचुरल पेनकिलर के रूप में काम करती है. सूजन और ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करके करक्यूमिन ब्रेन को उन तनावों से बचाता है जो कॉग्निटिव डिक्लाइन का कारण बनते हैं. हल्दी को अपच के लक्षणों को कम करने, हृदय रोग के जोखिम को कम करने, डिप्रेशन से लड़ने, कैंसर को रोकने, याददाश्त में सुधार करने और आर्थराइटिस के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है