World Diabetes Day 2020: डायबिटीज़ के इलाज में योग और नेचुरोपैथी भी है फायदेमंद!
World Diabetes Day 2020: साल 2019 में भारत में डायबिटीज़ के मरीज़ों की उम्र 20 से 79 साल के बीच थी, ये आंकड़ा बाकी देशों के मुकाबले सबसे ज़्यादा है। इससे ज़्यादा चिंताजनक बात यह है कि अगले 25 सालों के अंदर, 134 मिलियन भारतीयों की डायबिटीज़ से पीड़ित होने की आशंका है, हालांकि डायबिटीज़ एक जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन अगर इसे नियंत्रित न रखा जाए, तो यह शरीर पर कहर बरपा सकती है। डायबिटीज से पैनक्रीज में खराबी, किडनी डैमेज होना, स्ट्रोक होना, नर्व डैमेज और दिखने में परेशानी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
डायबिटीज को ट्रीटमेंट के कई तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन इन तरीकों में से कुछ के साइड इफेक्ट भी होते हैं। अच्छी बात यह है कि योग और नेचुरोपैथी से डायबिटीज़ को प्राकृतिक रूप से ठीक किया जा सकता है। योग आसन डायबिटीज़ को होने, कंट्रोल करने और इलाज करने में मददगार साबित होते हैं। नेचुरोपैथी का काम होता है कि शरीर के हाई ग्लूकोज़ लेवल को प्राकृतिक थेरेपी, डाईट, न्यूट्रीशनल सप्लीमेंट और जड़ी-बूटियों से कम किया जाए। इसलिए आइए डायबिटीज़ का इलाज करने के लिए प्राकृतिक तरीकों के बारे में बताते हैं।
योग
कई स्टडी से पता चला है कि पुरानी योग पद्धति के आसनों को करने से ब्लड ग्लूकोज़ लेवल को कंट्रोल करने में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और स्ट्रेस से होने वाले हायपरग्लिकैमिया को कम करते हैं। डायबिटीज का इलाज करने का प्रभावी तरीका है कि मेन्टल स्ट्रेस को पहले कंट्रोल किया जाए। जब बहुत ज्यादा स्ट्रेस होता है, तब ब्लड शुगर का लेवल बढ़ता है। इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे कि हार्ट की बीमारी भी हो जाती है।
योग ( इसमें मूवमेंट और शरीर की मुद्राएं शामिल होती है।), मेडिटेशन और साँस लेने की टेक्निक मेन्टल कम्पोजर और फिजकल कम्फर्ट को बढ़ा सकते हैं। योग से रिलैक्सेशन रिस्पॉन्स शुरू होता है जिससे कॉर्टसॉल लेवल को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इससे अन्य स्ट्रेस हार्मोन को भी चेक किया जाता है जो ब्लड में ग्लूकोज लेवल को बढ़ाता है। डायबिटीज को प्रभावी तरीके से ट्रीट करने के अलावा योग डायबिटीज होने के चांस को भी कम करता है। जैसे-
– मसल्स की एक्सरसाइज करना और ब्लड शुगर के लेवल को कम करना
– पैंक्रिएटिक सेल्स को बदलना
– मानसिक स्वास्थ्य को सुधारना
– वजन कम करना
योग के आसनों की रोज प्रैक्टिस करने से इंडोक्रिनल ग्लैंड अच्छी तरह से काम करती है, जो शरीर में इंसुलिन के प्रभावी इस्तेमाल में मदद करती है।
डायबिटीज के लिए कुछ योग आसन
– सेतुबंधासन
– धनुरासन
– हलासन
– वीरासन
– बालासन
– पश्चिमोत्तासन
– शवासन
– अनुलोम विलोम
– कपालभाती
नेचुरोपैथी पद्धति
योग के अलावा नेचुरोपैथिक ट्रीटमेंट से डायबिटीज को कम किया जा सकता है।
डाइट थेरेपी
जिस प्रकार का भोजन हम खाते हैं उसका प्रभाव हमारे फिज़ीकल और मेंटल फॉर्म पर गहरा पड़ता है। इसलिए नेचुरोपैथिक ट्रीटमेंट में भोजन का बहत महत्वपूर्ण योगदान होता है और यह ट्रीटमेंट का एक महत्वपूर्ण घटक होता है। शरीर के प्राकृतिक रूप से हीलिंग प्रोसेस में मदद करने वाले भोजन को अगर हम न खाएं तो इससे शरीर के न्यूट्रीशन पर बुरा असर पड़ता है। अच्छी हेल्थ का रहस्य और डायबिटीज जैसी बीमारियों को दूर रखने के लिए एक संतुलित डाइट खाने की ज़रूरत होती है। डाईट में फ्रेश ऑर्गेनिक साबुत अनाज होने चाहिए।
इस डाइट में शामिल होने वाली चीज़ें
– फल और ताज़ा कच्ची सब्ज़ियां
– ऑर्गेनिक साबुत अनाज
– ताज़ा मसाले और जड़ी बूटी
– दलहन और फलियां
– बीज और मेवे
-छाछ, दही और दूध
-अलसी का तेल, नारियल का तेल, सूरजमुखी का तेल, जैतून का तेल
– सब्जी या फलों का रस
– हर्बल चाय
– पानी
मड थैरेपी
मड थेरेपी या मड स्नान नेचुरोपैथी ट्रीटमेंट का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसका इस्तेमाल ठंडे और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में किया जाता है। मड थेरेपी का ट्रीटमेंट पाचन और अंतःस्रावी अंगों को सक्रिय करता है जो अक्सर डायबिटीज के मरीजों में कम सक्रिय पाए जाते हैं।
हाइड्रोथेरेपी
हाइड्रोथेरेपी या वॉटर थेरेपी में पानी कई रूपों में जैसे कि जकूज़ी, जेट्स, बाथ्स, स्विमिंग, एक्वेटिक एक्सरसाइज़ आदि में होता है। इससे ब्लड फ्लो स्केलेटल मसल्स में बढ़ता है, स्ट्रेस कम होता है, ब्लड शुगर का लेवल कम होता है और इससे सब कुछ सही होने का भाव आता है।
फास्टिंग (उपवास) थैरेपी
नेचुरोपैथी में शरीर को शुद्ध करने के लिए फास्टिंग को सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है और यह कई तरह की बीमारियों का इलाज करता है। ज्यादा खाना खाने की आदत, एक्सरसाइज की कमी, मेडिसिन से शरीर में विषाक्त पदार्थों की मात्रा बढ़ती है। हालांकि थेरेपुटिक फास्टिंग में केवल कुछ तरह के सूप/जूस नेचुरोपैथ के अनुसार रिकमेंड किये जाते हैं। इस तरह की फास्टिंग करने से पाचन तंत्र को रिलैक्स और नुकसानदायक तथा खतरनाक पधार्थों को शरीर के बाहर निकालने में मदद मिलती है। ये विषाक्त पदार्थ फेफड़ों, त्वचा, किडनी और बोवेल जैसे अंगों द्वारा उत्सर्जित किये जाते हैं। हाल में हुई कई स्टडी से पता चला है कि प्लांड इंटरमिटेंट फास्टिंग के माध्यम से टाइप 2 डायबिटीज को रोका जा सकता है।
विवेचना
डायबिटीज पूरी दुनिया के लोगों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन गया है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने बताया कि 2016 में डायबिटीज की वजह से 1.6 मिलियन लोगों की जान चली गई। ऐसी परिस्थितियों में, हमें हमारा ध्यान वापस ट्रीटमेंट के प्राकृतिक तरीकों पर केंद्रित करना चाहिए। ये प्राकृतिक तरीकें डायबिटीज को होने से रोकने के लिए और इलाज के लिए बहुत जरूरी होते हैं।