01 November, 2024 (Friday)

महिला पुलिसकर्मियों के पिंक बूथ की सुरक्षा पर उठे सवाल

लोहे और लकड़ी के प्रयोग के चलते आग लगने व करंट फैलने का खतरा
कोतवाली व थानों के बाहर नहीं परिसर में भी बने सुविधा के साथ पिंक रूम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बहुप्रतीक्षित योजना के तहत शहर में जगह-जगह बन रहे महिला पुलिसकर्मियों के लिये पिंक बूथ की सुरक्षा को लेकर न सिर्फ सवाल उठने शुरू हो गये है बल्कि अनावश्यक रूप से सार्वजनिक जगहों को घेरकर बनाये गये बूथ से भ्रष्टाचार की बू उठने लगी है। इन बूथों पर सवाल खड़ा करते हुये जनविकास महासभा, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पंकज तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इन बूथों की सुरक्षा मानकों की जांच एवं अनावश्यक जगहों पर बन रहे बूथ की जांच की मांग की है।
पिंक बूथ बनाये जाने के मुख्यमंत्री के कदम को सराहनीय योग्य बताते हुये महासभा के अध्यक्ष ने कहा कि प्रथम दृष्टया सुरक्षा की दृष्टि से पिंक बूथ कहीं से भी सुरक्षित नहीं है, क्योंकि लोहे के ईंगल और लकड़ी के बुरादे की प्लाईवुड के साथ तैयार हुये इस बूथ में शार्टसर्किट होने के स्थिति में न सिर्फ आग लग सकती है बल्कि करंट का प्रवाह होने से महिला पुलिसकर्मी की जान मुश्किल में पड़ सकती है। अतः सरकार इन बूथों को शुरू करने से पहले इसके पूरी तरह सुरक्षित होने के मानकों की पूरी तरह पड़ताल करे। श्री तिवारी ने कहा कि बूथ के बाहर बिजली कनेक्शन का मीटर होने के कारण खासकर बारिश के दौरान बूथ के स्ट्रक्चर को देखते हुये करंट फैलने की संभावना बनी रहेगी।
इसके अलावा महासभा ने महानगर कोतवाली के बाहर बने बूथ को लेकर मुख्यमंत्री की लोकप्रिय योजना को फलीभूत करने वाले सलाहकारों पर सवाल उठाते हुये कहा कि कोतवाली के ठीक बाहर पिंक बूथ को बनाने के बजाय कोतवाली और थानों के परिसर में ही महिला पुलिस कर्मियों के लिये पूर्णसुविधा के साथ एक पिंक रूम को बनाना चाहिए था। जनविकास महासभा के अध्यक्ष श्री तिवारी ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुये कहा कि तत्काल प्रभाव से पिंक बूथ की सुरक्षा मानकों की जांच करवायी जाये और कोतवाली और थानों के आसपास के पिंक बूथ को बनाने के बजाय परिसर में एक पिंक रूम पूर्ण सुविधा के साथ तैयार कराये जाये।
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