शादी और त्योहार के सीज़न में मिठाईयां खाने से पहले जरा जान लें इनमें मौजूद कैलोरी के बारे में
मीठे से पूरी तरह परहेज ज्यादातर लोगों के लिए मुमकिन नहीं हो पाता। कोई पर्व हो, पूजा-पाठ हो या फिर कोई भी उत्सव-समारोह बिना मिष्ठान के पूरा नहीं हो पाते हैं। सो लाख बचने की कोशिश करें लेकिन आखिर में मिठाई खानी ही पड़ती है। मिठाई को मुंह में भरने से पहले जान लें कि आप किस मिठाई को खाने से कम बीमार पड़ते हैं और किसे दूर से देखकर ही काम चलाना है।
1. गुलाब जामुन
145 कैलोरी प्रति पीस
चेरी-बैरी कलर वाली और गरमा-गरम गुलाब जामुन बस मुंह में पानी ही ले आता है, लेकिन इसे खाने का मतलब खूब सारी कैलोरीज बढ़ाना है। यह मैदे से बनता है और इसे डीप फ्राई भी किया जाता है। चाशनी की वजह से चीनी भी ज्यादा होती है। ऐसे में मैदा, चीनी और डीप फ्राई तीनों ही नुकसान पहुंचाने वाली चीज़ें हैं। मधुमेह रोगियों को गुलाब जामुन से दूर रहना चाहिए।
2. रसगुल्ला
125 कैलोरी प्रति पीस
यह छेना से बनता है इसलिए इसमें प्रोटीन होता है। यह फ्राइड नहीं होता है। इसमें मीठे का अमाउंट भी ज्यादा नहीं होता औऱ रस निचोड़ कर उसे भी कम कर सकते हैं। इसे एंजॉय कर सकते हैं।
3. बर्फी, काजू कतली
50-60 कैलोरी प्रति पीस
दूध से बनती है, लेकिन खोया और चीनी ज्यादा होने की वजह से कैलोरीज काफी ज्यादा होती है। काजू की बर्फी भी टेस्ट में बढ़िया होती है, लेकिन सेहत के लिए अच्छी नहीं।
4. लड्डू-डोडा
300-400 कैलोरी प्रति पीस
मोतीचूर के लड्डू डीप फ्राइड होते हैं, जबकि बाकी लड्डुओं में घी और ड्राई फ्रूट्स काफी ज्यादा होते हैं। चीनी भी काफी ज्यादा होती है। डोडा के एक पीस में 450 तक कैलोरी होती है, तो बेहतर है कि आप इनसे बचें।
5. बेसन लड्डू- घिया की बर्फी
60-80 कैलोरी प्रति पीस
बिना ड्राईफ्रूट्स वाले बेसन लड्डुओं में कैलोरी ज्यादा नहीं होती। कम चीनी वाली नारियल बर्फी या लड्डू खाए जा सकते हैं। हालांकि कोलेस्ट्रॉल या बीपी के मरीजों को इन्हें नहीं खाना चाहिए। गाजर की बर्फी या लड्डू भी अच्छा ऑप्शन है। आप घिया की बर्फी भी आराम से खा सकते हैं।