स्वस्थ शरीर में कितना होना चाहिए यूरिक एसिड लेवल? जानें कारण, लक्षण और बचाव
यूरिक एसिड, शरीर में मौजूद एक ऐसा वेस्ट प्रोडक्ट है जो जोड़ो और टिश्यूज में जमने लगता है। इसमें गठिया, गाउट, हार्ट डिजीज सहित कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। प्यूरीन नाम का केमिकल बॉडी में नेचुरल तरीके से मैजूद होता है, साथ ही कुछ फूड्स में भी पाया जाता है। जब बॉडी प्यूरीन को पचाने की कोशिश करता है, इस प्रोसेस के दौरान वेस्ट प्रोडक्ट के रूप में यूरिक एसिड निकलता है। इसे आमतौर पर किडनी फिल्टर कर देता है और यूरिन के जरिए शरीर से बाहर निकाल देता है। लेकिन, कई बार ब्लड में यूरिक एसिड जमा रहता है, इसे मेडिक टर्म में हाइपरयूरिसेमिया कहते हैं। ब्लड में जब यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती तो इससे जोड़ो और टिश्यूज में क्रिस्टल्स बनने लगते हैं जो सूजन और गाउट के खतरे को बढ़ाते हैं।
महिलाओं और पुरुणों में यूरिक एसिड
स्वास्थ्य विशेज्ञ मानते हैं कि बॉडी में यूरिक एसिड कुछ मात्रा में होना सामान्य है। लेकिन, इसका स्तर ज्यादा या कम होने पर ये सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। हाई यूरिक एसिड से गाउट का खतरा बढ़ता है। वहीं, लो लेवल की परेशानी जल्दी देखने को नहीं मिलती है।
यूरिक एसिड का रेंज
एक्सपर्ट्स के मुताबिक पुरुषों और महिलाओं में यूरिक एसिड का नॉर्मस लेवल अलग-अलग हो सकता है। पुरुषों में अगर इसका स्तर 2.5 mg/dl या उससे कम है तो इसे लो यूरिक एसिड माना जाता है। वहीं, महिलाओं में लो यूरिक एसिड 2.5mg/dl बताया जाता है। इसके अलावा, पुरुषों में 2.5 से लेकर 7.0mg/dl होता है और महिलाओं में 1.5 से 6.0mg/dl होता है। वहीं, यूरिक एसिड का स्तर पुरुषों में 7 से ऊपर और महिलाओं में 6 से ऊपर होता है।
क्यों बढ़ जाता है यूरिक एसिड
यूरिक एसिड बढ़ने का कारण आमतौर पर डाइट, मोटापा, बीमारी और जेनेटिक हो सकता है। जिनका मोटबॉलिज्म खराब हो, शराब पीते हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ा हो, डायबिटीज के मरीज हैं, प्यूरीन युक्त फूड्स का अधिक सेवन करते हैं या डाइ-यूरेटिक्स का इस्तेमाल करते हैं, उनका यूरिक एसिड बढ़ा हो सकता है।
हाई यूरिक के कारण जोड़ो में दर्द, सूजन, किडनी स्टोन, पीठ में दर्द, बुखार, यूरिन में ब्लीडिंग या बदबू जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।