09 April, 2025 (Wednesday)

कहानी कानपुर की 55 वर्षीय प्रेमलता यादव की जिन्हें अमेज़न के हिंदी विकल्प के साथ मिली सुकून की सांस

ऐसा माना जाता है कि उम्रदराज़ लोग अक्सर टेक्नोलॉजी के मामले में थोड़े कच्चे होते हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर में रहने वाली 55 वर्षीय प्रेमलता यादव जी को भी कुछ ऐसा ही लगता था। अभी कुछ समय पहले तक प्रेमलता जी और उनके पति अक्सर ही टेक्नोलॉजी से जुड़ी चीजों को लेकर थोड़ा घबरा सा जाते थे। मगर अब ऐसा बिलकुल भी नहीं है। प्रेमलता जी और उनके पति अब ना सिर्फ़ टेक्नोलॉजी को पहले से बेहतर समझने लगे हैं, बल्कि दूसरों को भी नये गैजेट्स और तरह-तरह के घरेलू उपकरण से रूबरू करवाने लगे हैं। उनकी ज़िंदगी में ये बड़ा बदलाव आया अमेज़न के हिन्दी विकल्प की वजह से। कुछ दिनों पहले तक जब कोविड के कारण देश भर में लोग ऑक्सीजन और बाज़ार में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत से परेशान थे, तब ये डर प्रेमलता जी के घर भी पहुंचा। घर में सिर्फ़ वो और उनके पति ही रहते हैं, दोनों काफी उम्रदराज हैं। ऐसे में न्यूज़ में हर तरफ सभी को परेशान देख कर प्रेमलता जी और उनके पति भी काफ़ी घबरा गये। खुद की सेहत का खयाल रखने और अपने ऑक्सीजन लेवल पर नज़र रखने के लिए जब उन्होनें ऑक्सीमीटर खरीदने की सोची तो तब तक हर तरफ लॉकडाउन लगने की वजह से उनके पास बाहर जाने का विकल्प भी नहीं रहा। ऐसे में अचानक एक दिन जब उन्होनें अपनी बिल्डिंग में अमेज़न के डिलीवरी एजेंट को आते देखा तो उन्हें आइडिया आया कि क्यूं ना वे भी दूसरों की तरह घर बैठे ही अमेज़न पर ऑक्सीमीटर ढूंढने की कोशिश करें।

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