पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर व्यापारियों और पूर्व सांसद में हुआ मंथन
महोबा। पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग बहुत जोरदार तरीके से झांसी निवासी शंकरलाल महरोत्रा ने झांसी से शुरू की थी और पूरे जीवन वह बुंदेलखंड राज्य के लिए लड़ते रहे, परंतु बुंदेलों का दुर्भाग्य देखिए बुंदेलखंड राज्य आज भी नहीं बन सका है।चरखारी के पुराने राज महल में हुए कार्यक्रम के संयोजक पूर्व सांसद गंगा चरण राजपूत ने चरखारी के सभी व्यापारियों को इकट्ठा कर बुंदेलखंड राज्य की मांग उठाने के लिए योजना बनाई ।व्यापारियों को संबोधित करते हुए अजय गुप्ता ने कहा कि, देश के सारे नगर कस्बे विकसित हो रहे हैं, परंतु विकसित रही चरखारी पीछे की ओर जा रही है। वहीं बड़ोनिया ने अपने संबोधन में कहा हमारी प्राथमिकता पहले बुंदेलखंड राज्य है जिससे चरखारी का पूरे प्रांत का विकास हो सके ।। चरखारी के सदर विधायक चरखारी के ,जिलाध्यक्ष व चरखारी के विधायक भी हैं। इसके बावजूद भी चरखारी में बस स्टैंड तक नहीं है ।यह चरखारी का दुर्भाग्य है ।रामबाबू गुप्ता ने कहा हमें बुंदेलखंड राज्य चाहिए जिससे यहां के लोगों का पलायन रोका जा सके। कैलाश ताम्रकार ने कहा कि व्यापारियों ने देश की आजादी के लिए भी योगदान दिया है। हम पृथक बुंदेलखंड राज्य बनाने के लिए अपना योगदान देंगे ।कार्यक्रम संयोजक गंगा चरण राजपूत ने कहा कि जब चरखारी स्टेट के 32 राजाओं ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए ,तो बुंदेलखंड प्रांत बनाने की संधि सरकार से हुई थी, परंतु आजादी के 73 वर्ष बीतने के बाद भी शांत नहीं बन सका है। बुंदेलखंड राज्य के लिए हमें चाहे जो कीमत चुकानी पड़े हम उसके लिए तैयार हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आनंद स्वरूप दमेले ने कहा कि, देश की आजादी के लिए पहला स्वतंत्रता संग्राम बुंदेलखंड से ही प्रारंभ हुआ था । चरखारी से शुरू होने वाली बुंदेलखंड की मांग चिंगारी के रूप में तब तक चलती रहेगी। जब तक बुंदेलखंड राज्य यहां के बाशिंदे नहीं पा लेते ।उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर तक शांतिपूर्ण तरीके से बुंदेलखंड राज्य के लिए आंदोलन किया जाएगा। इसके बाद संघर्ष का रास्ता बुंदेलखंड के लोग पकड़ सकते हैं।विदेश यात्रियों की राह हुई आसान अब 28 दिन बाद लग सकेगी दूसरी डोज
दूसरी डोज के लिए पासपोर्ट अनिवार्य