डायबिटीज के मरीज शुगर कंट्रोल करने के लिए रोजाना पिएं यह खास ड्रिंक
विश्व मधुमेह संघ की एक रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में शुगर से पीड़ित मरीजों की संख्या दुनियाभर में सबसे अधिक है। डायबिटीज बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते होती है। इस बीमारी में व्यक्ति को चीनी युक्त चीजों को खाने की मनाही होती है। विशेषज्ञों की मानें तो खराब दिनचर्या, अनुचित खानपान और तनाव के चलते डायबिटीज बीमारी होती है। यह एक आनुवांशिकी रोग भी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। इसके लिए व्यक्ति को अनुशासित होकर दिनचर्या व्यतीत करना चाहिए। इसमें सही दिनचर्या, उचित खानपान और रोजाना वर्कआउट जरूरी है। इसके अलावा, आप सत्तू का सेवन कर सकते हैं। अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं, तो सत्तू का सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से शुगर को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
सत्तू क्या होता है
उत्तर भारत में यह पसंदीदा पेय है। बिहार में सालों भर सत्तू का सेवन किया जाता है। वहीं, बिहार में लिट्टी चोखा खूब खाया जाता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। साथ ही वजन घटाने में मदद मिलती है। वहीं, लोग सुबह में सत्तू का ड्रिंक भी पीते हैं। इसे चने और मक्के को पीसकर तैयार किया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो सत्तू में बीटा ग्लूकेन पाया जाता है जो शरीर में शर्करा स्तर का अवशोषण करता है। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
क्या कहती है शोध
चरक ने सबसे पहले तकरीबन 2800 वर्ष पूर्व जौ में glycemic index कम होने का पता लगाया था। तभी से चिकित्सा क्षेत्र में सत्तू को दवा माना जाता है। एक शोध की मानें तो सत्तू डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। इस शोध में चरक संहिता के संस्कृत श्लोक को भी प्रकाशित किया गया है, जिनमें जौ के आटे (सत्तू) के फायदे को बताया गया है।
कैसे करें सेवन
डायबिटीज के मरीज सत्तू की लिट्टी बनाकर सेवन कर सकते हैं। साथ ही सत्तू बनाकर सेवन कर सकते हैं। इसके लिए डायबिटीज के मरीज जौ या चने के सत्तू का सेवन कर सकते हैं। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। इसके अतिरिक्त जौ को शहद, त्रिफला और सिरका के साथ सेवन करने से किडनी स्वस्थ रहता है।