ब्राउन या लाल चावल, वज़न घटाने के लिए क्या है बेहतर?



वज़न घटाने के लिए सही प्लानिंग की ज़रूरत होती है। जिसमें वर्कआउट से लेकर सही डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव शामिल होते हैं, जिससे शरीर को फायदा पहुंचता है। ज़्यादातर लोग जो वज़न घटाना चाह रहे होते हैं, वे कार्ब्ज़ का सेवन कम कर देते हैं, खासतौर पर चावल। कुछ लोगों के लिए रोज़ रोटी खाना आसान है, जबकि कुछ लोगों के लिए चावल ही ज़रूरी हैं। ऐसे में उनके लिए रोज़ चावल से दूर रहना मुश्किल हो जाता है।
हालांकि, फर्क वहां पैदा हो जाता है जब आप चावल का चयन कर रहे होते हैं। यानी आप किस तरह का चावल खा रहे हैं, उससे काफी फर्क पड़ता है। जो लोग वज़न कम करना चाहते हैं, उनके लिए सफेद चावल सही नहीं माना जाता। वहीं, ब्राउन या लाल चावल हेल्दी विकल्प की तरह देखे जाते हैं। तो आइए जानें कि ब्राउन और लाल चावल में से ज़्यादा हेल्दी क्या है?
ब्रॉउन चावल
ब्राउन राइस का जर्म और चोकर बरकरार है, जो निश्चित रूप से इसे सफेद चावल की तुलना में एक बेहतर विकल्प बनाता है। ब्राउन राइस में मौजूद पिगमेंट इसे अपना रंग देते हैं। ब्राउन राइस में मौजूद पिगमेंट इसे अपना रंग मिला है। अगर इस पिगमेंट का स्तर बढ़ जाता है, तो इसका रंग ब्राउन की जगह लाल, ब्लैक या बैंगनी हो जाएगा। इसलिए यह कहा जा सकता है कि लाल रंग का चावल भी ब्राउन चावल के परिवार का ही है।
लाल चावल
एंथोसायनिन नाम के पिगमेंट की उपस्थिति से चावल को रंग मिलता है और इस वर्णक की मात्रा के आधार पर चावल अपना रंग हासिल करते हैं। लाल चावल और ब्राउन राइस दोनों, एंथोसायनिन से भरपूर होते हैं, और एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर भी होते हैं। हालांकि, लाल चावल भी मैंगनीज से भरपूर होता है, जो शरीर के समुचित कार्य के लिए अभिन्न अंग है। मैंगनीज़ कार्बोहाइड्रेट के चयापचय और कैल्शियम के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कौन-सा है बेहतर?
जो लोग अपना वज़न कम करना चाहते हैं, उनके लिए दोनों के बीच किसी एक को चुनना एक मुश्किल काम होगा क्योंकि दोनों तरह के कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन समान मात्रा में होते हैं। दोनों किस्मों में फाइबर की मात्रा भी काफी समान होती है और इस तरह ये दोनों वज़न घटाने के लिए स्वस्थ विकल्प हैं।
किन बातों को रखें ख़्याल?
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भले ही चावल की दोनों किस्में फाइबर के उत्कृष्ट स्रोत हैं और सफेद चावल की तुलना में कार्बोहाइड्रेट की कम सामग्री के साथ पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इसे खाते वक्त इसकी मात्रा पर ध्यान देना ज़रूरी है, ताकि ज़रूरत से ज़्यादा कार्ब्ज़ न खा लिए जाएं। ज़्यादा खा लेने से वज़न भी बढ़ सकता है।