गौवंश की सेवा में लापरवाही मिली तो नपेगें जिम्मेदार-जिलाधिकारी।
श्रावस्ती। जिलाधिकारी टी0के0 शिबु एवं मुख्य विकास अधिकारी ईशान प्रताप सिंह ने गौशाला की जमीनी हकीकत जानने के उद्देश्य से पटना खरगौरा स्थित गौशाला का निरीक्षण कर जायजा लिया। जिसमें गायों के रहने के लिए शेड का निर्माण कराया गया है। जिसमें गोवंश रह रहे है, पशुओं को चारा खिलाने हेतु चरनी खुली होने के कारण उस पर भी छाया एवं बरसात से बचाव हेतु सेट का निर्माण कराये जाने का निर्देश दिया है, ताकि गोवंशों को चरनी पर भी उन्हें छाया मिल सके तथा बरसात के दौरान भीगने से बच सके। जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत अधिकारी को जानवरों के चारा की समुचित व्यवस्था रखने हेतु निर्देशित किया तथा प्रत्येक सप्ताह गौशाला में मौजूद जानवरों की संख्या तथा चारे एवं टीकाकरण के साथ ही अन्य जरूरी व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करेगें। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे निरन्तर अपने-अपने क्षेत्र के गौशालाओं में भ्रमण कर गोवंशों का निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें बीमारियों से बचाव हेतु टीकाकरण भी समय से करना सुनिश्चित रखा जाए। ताकि सभी गोवंश स्वस्थ्य रहें। उन्होने साफ शब्दों में कहा कि आकस्मिक निरीक्षणों के दौरान यदि किसी भी गौशाला में कोई कमी मिली तो निश्चित ही सम्बन्धित जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि गौवंश सेवा करना हम सबका कर्तव्य ही नही बल्कि नैतिक धर्म है, कोई भी बड़ा सा बड़ा कार्य जनसहयोग से ही पूरा किया जा सकता है इसलिये सीमित संसाधन से जनपद में संचालित गौशालाओं में निवास कर रही गौवंश जिनके मालिक द्वारा उन्हे बेसहारा करके घर से भगा दिया गया है और वे गौशालाओं में अपना गुजर बसर कर रही हैं। उन्हे और साधन सुविधा एवं व्यवस्था मुहैया कराने के लिए जनसहयोग की नितान्त आवश्यकता है। इसलिए जनपदवासी इस पुनीत कार्य में अपनी बढ़चढ़ कर भागीदारी निभावें ताकि गौवंश को बेहतर ढंग से गौशालाओं में पालन पोषण किया जा सके।
जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि गौ-आश्रय स्थल में गौवंश के लिए पेयजल, चारा, प्रकाश, साफ-सफाई, स्वास्थ्य परीक्षण, सुरक्षा, फर्श इत्यादि की समुचित व्यवस्था का निरीक्षण करेगे। किसी भी प्रकार की कमी होने पर तत्काल उसका प्रबन्ध प्रथम व द्वितीय स्तर के उत्तरदायी अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर व्यवस्था करायें। उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे इस तथ्य का भी अनुश्रवण करें कि गौ-आश्रय स्थल के संचालन हेतु उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन सही ढंग से किया जा रहा है अथवा नही यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपने दायित्वो के निर्वहन में लापरवाही बरती जा रही है तो उसके खिलाफ कार्यवायी हेतु रिपोर्ट प्रेषित करें।