01 November, 2024 (Friday)

Bird Flu Rise: जानें बर्ड फ्लू के दौरान चिकन और अंडे खाने के बारे में क्या कहता है WHO

Bird Flu Rise: भारत के उत्तर, पश्चिम और दक्षिण के कुछ राज्यों में एवियन इंफ्लूएंज़ा यानी बर्ड फ्लू के कुछ मामले सामने आए हैं। हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और केरल में करीब 25 हज़ार बत्तखों, कौओं और प्रवासी पक्षियों की मौत हो चुकी है। इस ख़बर ने एक बार फिर लोगों के बीच घबराहट पैदा कर दी है। अभी लोग कोविड-19 संक्रमण के डर जूझ ही रहे थे कि एक और वायरस बीमारी- बर्ड फ्लू ने घबराहट को बढ़ा दिया है। लोगों को डर है कि कहीं ये भी कोरोना की तरह महामारी में न बदल जाए। हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स नहीं मानते कि बर्ड फ्लू महामारी का रूप ले सकता है, लेकिन उनकी सलाह है कि सभी लोग सावधानी बरतें और घबराएं नहीं।

डॉक्टरों ने कहा कि H5N1 वायरस यानी बर्ड फ्लू के मानव-से-मानव संचरण का जोखिम बेहद कम है। इंसान को बर्ड फ्लू तभी होगा जब कोई पक्षियों की संक्रमित प्रजातियों के साथ निकटता से काम न कर रहा हो। इसलिए इसे लेकर घबराने की ज़रूरत नहीं है। बर्ड फ्लू बीमार पक्षियों में पाया जाता है और सिर्फ उन लोगों के बीच फैलने की संभावना होती है, जो मुर्गी पालन या फिर संक्रमित पक्षियों के आसपास रहते हैं।

क्या बर्ड फ्लू के दौरान अंडे और चिकन खाना है सुरक्षित?

बर्ड फ्लू के आते ही लोग H5N1 वायरस के डर से अंडे और चिकन खाना छोड़ देते हैं। वहीं, एवियन इंफ्लूएंज़ा और अंडे खाने में कोई कनेक्शन नहीं है। डॉक्टर्स का कहना है कि कम पके चिकन या अंडे खाने से बचना चाहिए।

कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गुड़गांव की डॉ. मंजीता नाथ दास का कहना है कि बर्ड फ्लू के फैलने पर चिकन और अन्य पॉल्ट्री उत्पादों को खाने वाले लोगों पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इसका कारण यह है कि पकाने से फ्लू नष्ट हो जाता है, इसके साथ ही जो बैक्टीरिया होते है वह भी पकाते समय ख़त्म हो जाते हैं। लेकिन कच्चे चिकन को लेकर सावधानी ज़रूर बरतें। चिकन को पकाने वाले बर्तनों और रसोई को पूरी तरह से डिसइन्फेक्ट करें। जहां पर चिकन को रखा गया हो वहां सब्जियां या अन्य खाद्य पदार्थों को न रखें।

क्या कहता है WHO?

संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को जारी किए गए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के संयुक्त बयान के अनुसार, अगर खाने को ठीक से पकाया जाता है, तो चिकन, टर्की या अन्य ऐसी चीज़ें खाने के लिए सुरक्षित हैं। हालांकि, साथ ही ये साफ किया कि इस बात का ख्याल रखना भी ज़रूरी है कि संक्रमित पक्षी इस फूड चेन का हिस्सा न बन जाएं। WHO ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंज़ा का प्रकोप नहीं है, वहां इसे खाने से संक्रमण या मौत का ख़तरा नहीं है। अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें मांस खाने से किसी को फ्लू हुआ हो। ये बीमारी आमतौपर पर पक्षियों से पक्षियों में फैलती है।

बरतें ये सावधानियां

– अपने हाथों को गुनगुने पानी और साबुन से धोएं, विशेष रूप से कच्चे चिकन और अंडों को छूने के बाद।

– कच्चे चिकन को धोने और पकाने के लिए एक अलग बर्तन का इस्तेमाल करें। चिकन को तब तक पकाएं जब तक वो अच्छे से उबल न जाए।

– ज़िंदा मुर्गों और पोल्ट्री पक्षियों से सीधे संपर्क से बचें।

– ज़िंदा जानवरों वाले बाज़ार, पोल्ट्री या फार्म पर भी जाने से बचें। अगर वहां जाना आपकी मजबूरी है, तो पूरा वक्त मास्क और ग्लव्ज़ पहनें।

– साथ ही किसी मृत पक्षी या फिर पक्षी के मल को न छुएं और न ही पास जाएं।

पोल्ट्री पक्षियों में अभी तक बर्ड फ्लू संक्रमण नहीं पाया गया है। राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिज़ीज़, जहां बीमारियों का पता लगाने के लिए देश के जानवरों के सैंपल भेजे गए, उन्होंने बताया कि अभी तक पोल्ट्री बर्ड्स में H5N1 वायरस की मौजूदगी नहीं पाई गई है।

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