23 November, 2024 (Saturday)

गर्भनिरोधक गोलियों से हो सकता है सर्वाइकल ब्रेस्ट कैंसर

सर्वाइकल कैंसर, वैश्विक स्तर पर महिलाओं में होने वाली गंभीर समस्या है। हर साल ये लाखों मौतों का कारण बन रही है। आंकड़े बताते हैं, भारतीय महिलाओं में भी इस कैंसर के मामले तेजी से रिपोर्ट किए जा रहे हैं। जोखिमों को देखते हुए बजट सत्र के दौरान सरकार ने देश में सर्वाइकल कैंसर का टीकाकरण बढ़ाने पर जोर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी महिलाओं को इस कैंसर के जोखिमों को लेकर सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।

सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि की स्थिति है, ये गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है जो योनि से जुड़ाता है। इस प्रकार के कैंसर का प्रमुख कारण ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) को माना जाता है। एचपीवी वायरस यौन संपर्क से फैलता है। सामान्यतौर पर हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली इस वायरस को नष्ट कर देती है, पर जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उनमें संक्रमण होने और सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।

इस बीच एक हालिया अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि जो महिलाएं ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का अधिक इस्तेमाल करती हैं, उनमें भी सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम अधिक हो सकता है।

ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स से होने वाले नुकसान

ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को अवांछित गर्भधारण से बचने के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है, पर क्या इससे कैंसर का जोखिम हो सकता है? शोधकर्ताओं ने हालिया अध्ययन में कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के अत्यधिक सेवन को कैंसर का खतरा बढ़ाने वाला बताया है। जो महिलाएं कम उम्र से ही गर्भनिरोधक गोलियां लेना शुरू कर देती हैं, उनमें इसका खतरा अधिक देखा गया है।

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, जिन महिलाओं ने पांच या अधिक वर्षों तक ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का उपयोग किया है, उनमें उन महिलाओं की तुलना में सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक पाया गया जिन्होंने कभी इनका उपयोग नहीं किया था।

ब्रेस्ट कैंसर का भी बढ़ सकता है जोखिम

अध्ययन में पाया गया कि 5 साल तक इन गोलियों के उपयोग से सर्वाइकल कैंसर का जोखिम 10% और 5-9 साल तक इसके उपयोग से 60% खतरा बढ़ सकता है। हालांकि शोध में यह भी कहा गया है कि अगर गर्भनिरोधकों का उपयोग बंद कर दिया जाए तो इन खतरों को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

सर्वाइकल कैंसर के अलावा इन दवाओं के अधिक सेवन को ब्रेस्ट कैंसर का भी जोखिम कारक पाया गया है। 150,000 से अधिक महिलाओं के डेटा विश्लेषण से पता चला है कि जिन महिलाओं ने कभी भी ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का उपयोग किया था, उनमें अन्य की तुलना में स्तन कैंसर का खतरा सात फीसदी अधिक पाया गया। इसका अधिक सेवन आपके जोखिमों को 24% तक बढ़ा सकता है।

अध्ययन में क्या पता चला?

अध्ययनकर्ताओं ने बताया, हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से दो हार्मोन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) बनाता है। कुछ कैंसर कोशिकाओं में ऐसे रिसेप्टर्स होते हैं जो उन्हें बढ़ने के लिए इन हार्मोनों का उपयोग करने की अनुमति देते हैं। ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स में इन हार्मोनों का सिंथेटिक (प्रयोगशाला-निर्मित) रूप होता है, इसलिए वे संभावित रूप से आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि ये पिल्स, आपके सर्विकल सेल्स को इस तरह से बदल देती हैं, जिससे एचपीवी संक्रमण के प्रति ये अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। शोध से पता चलता है कि जिन लोगों ने 5 या अधिक वर्षों से गर्भ निरोधकों का उपयोग किया है, उनमें कोशिकाएं अधिक संवेदनशील देखी गईं।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी महिलाओं को इन दोनों प्रकार के कैंसर से बचाव के लिए निरंतर सावधानी बरतते रहने की जरूरत है। एचपीवी का टीकाकरण आपको सर्वाइकल कैंसर और इसके कारण होने वाली जटिलताओं से बचाने में मददगार हो सकता है, साथ ही नियमित स्क्रीनिंग और सेल्फ टेस्टिंग से स्तन कैंसर से बचाव में मदद मिल सकती है।

कैंसर दुनियाभर में जानलेवा रोगों में से एक है, समय रहते अगर इसका निदान हो जाए तो इलाज आसान हो सकता है और मौत का खतरा भी कम हो जाता है। डॉक्टर कहते हैं, ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का अधिक सेवन, गर्भावस्था के लिए भी समस्याकारक है, इसलिए इससे बचाव किया जाना जरूरी है।

 

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