कॉफी के हैं शौक़ीन, तो हो जाएं सावधान! ज़्यादा कैफीन छीन सकती है आंखों की रौशनी
अगर आप कॉफी के शॉक़ीन हैं और दिन में 4 कप से ज़्यादा पी लेते हैं, तो आपको पहले अपने परिवार के इतिहास में आंखों से जुड़ी बीमारियों की जांच कर लेनी चाहिए।
माउंट सिमाई में Icahn स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा किए गए एक अंतरराष्ट्रीय बहु-केंद्र अध्ययन से पता चलता है कि रोज़ाना कैफीन का बड़ी मात्रा में सेवन करने से ग्लूकोमा के जोखिम को तीन गुना से अधिक बढ़ा सकता है। ग्लूकोमा में आहार-आनुवांशिक संपर्क को प्रदर्शित करने वाला यह पहला ऐसा अध्ययन है।
नेत्र विज्ञान के जून प्रिंट अंक में प्रकाशित अध्ययन के परिणाम में यह सुझाव दिया गया कि जिन लोगों के पारिवारिक इतिहास में ग्लूकोमा रहा है, उन्हें कैफीन का सेवन कम कर देना चाहिए। आईओपी या इंट्रा-ऑकुलर प्रेशर आंख के अंदर का दबाव होता है। अध्ययनों में यह पहले भी साबित हो चुका है कि उच्च आईओपी ग्लूकोमा की प्रगति के लिए एक मज़बूत कारक बनता है।
माउंट सिनाई अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार, “अध्ययन महत्वपूर्ण है, क्योंकि ग्लूकोमा अमेरिका में अंधेपन का प्रमुख कारण है। यह ग्लूकोमा पर कैफीन के सेवन के प्रभाव को देखता है, और IOP जो आंख के अंदर का दबाव है। उच्च आईओपी ग्लूकोमा के लिए एक मज़बूत जोखिम क कारण है, हालांकि इसके पीछे अन्य कारण भी योगदान करते हैं।
ग्लूकोमा में रोगी आमतौर पर तब तक शुरुआती लक्षणों का अनुभव नहीं करते हैं जब तक कि बीमारी आगे नहीं बढ़ जाती और आंखों की रौशनी कमज़ोर होने लगती है।”
कॉफी के ज़्यादा सेवन से क्या मतलब है?
जो लोग रोज़ाना हाई कैफीन का सेवन करते हैं, यानी 480 मिलीग्राम से अधिक, जो लगभग चार कप कॉफी के बराबर है, तो उसमें 0.35 mmHg उच्च आईओपी होता है। इसके अलावा हाई जेनेटिक जोखिम की श्रेणी में आने वाले लोग, जो रोज़ाना 321 मिलीग्राम से अधिक कैफीन का सेवन करते हैं, लगभग तीन कप कॉफी, उनमें ग्लूकोमा होने के आसार, 3.9 गुना अधिक हो जाते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपके परिवार में ग्लूकोमा का इतिहास है, तो आपके लिए रोज़ाना 3 कप कॉफी भी काफी ज़्यादा है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।