31 October, 2024 (Thursday)

जिलाधिकारी संजीव सिंह का सराहनीय प्रयास-

फतेहपुर ;स्वरूप । प्रयागराज मण्डलायुक्त कार्यालय के गाँधी सभागार में रविवार सुबह ग्यारह बजे जिला प्रशासन फतेहपुर द्वारा कोरोना काल पर आधारित दो विशिष्ट पुस्तकों आरोपित एकांत और जान है तो जहान है के मुखपृष्ठों का मण्डलायुक्त आर. रमेश कुमार तथा प्रख्यात भाषाविद् और समीक्षक आचार्य पं. पृथ्वीनाथ पाण्डेय द्वारा अनावरण किया गया।
ये दोनों पुस्तकें वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण हुये लाॅकडाउन से उपजे सामाजिक आपातकाल में साहित्य सर्जना का एक अनूठा प्रयोग हैं, जिसका संकलन एवं संपादन लेखक एवं स्तम्भकार अमित राजपूत ने किया। इस प्रयोग को करने वाले फतेहपुर के जिलाधिकारी संजीव सिंह ने अवगत कराया कि आरोपित एकांत फतेहपुर के नागरिकों द्वारा लाॅकडाउन के दौरान उपजी विद्रूपताओं और कुछ अनूठे सकारात्मक पहलुओं के सजीव संस्मरणों का संग्रह है। श्जान है तो जहान हैश् कोरोना काल की उन कविताओं का विशिष्ट संग्रह है, जिनके सहारे नागरिकों को इस युद्ध को लड़ने में बल मिल सका। इसमें जनपद फतेहपुर के आम नागरिकों, अध्यापकों, अधिवक्ताओं, सरकारी कर्मचारियों तथा अन्य लोगों द्वारा लिखी गयी रचनाएँ सम्मिलित हैं। गद्य संकलन आरोपित एकांत में 34 लोगों की कुल 39 रचनाएँ तथा पद्य संकलन जान है तो जहान है में 94 लोगों की कुल 117 रचनाएँ सम्मिलित हैं।
फतेहपुर की माटी से निकलकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फलक पर जनपद का नाम रोशन करने वाले मशहूर फिल्म डिजाइनर एवं वरिष्ठ रंगकर्मी सलीम आरिफ, उर्दू अकादमी पुरस्कार प्राप्त मकबूल शायर जफर इकबाल, सुधाकर अवस्थी और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेम दत्त तिवारी जैसे चर्चित नामों की रचनाएँ इनमें शामिल हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मण्डलायुक्त आर. रमेश कुमार ने कवर जारी करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए ये दोनों पुस्तकें कोरोना आपदा के दौरान की दुश्वारियों, लोगों द्वारा किये गये संघर्षों तथा उन पर पड़े मनोवैज्ञानिक प्रभावों का प्रामाणिक दस्तावेज सिद्ध होंगे। फतेहपुर जिला प्रशासन का ये प्रयास आम जन और प्रशासनिक सामन्जस्य का बेतरीन उदाहरण है, जो लोगों को प्रेरणा देने वाला है। कर्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रख्यात भाषाविद् और समीक्षक आचार्य पं. पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने इस पूरे कार्यक्रम और अमित राजपूत के संपादन को अनूठा बताया। आचार्य पाण्डेय ने कहा कि उन्होंने ये दोनों पुस्तकें भूमिका लिखने के दौरान पढ़ ली हैं। इनकी भाषा और बोध उत्कृष्ठ व गहरे हैं।
इन दोनों पुस्तकों का प्रकाशन नवम्बर माह में संभावित है। कार्यक्रम में प्रख्यात मीडिया स्तम्भ रतन दीक्षित, प्रो. अजय जेटली, अरुण कुमार सिंह, वरिष्ठ रंगकर्मी आलोक नायर, कत्थक गुरु राकेश यादव, शास्त्रीय गायक पण्डित वरुण मिश्र समेत तमाम साहित्यकार और बुद्धिजिवी उपस्थित रहे।

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