हड्डी तोड़ बुखार होने पर तत्काल चिकित्सक से करें संपर्क, हो सकता है डेगू का लक्षण
सिद्धार्थनगर कोविड-19 के दौर में डेंगू को नजरअंदाज करना नुकसानदेय हो सकता है। शरीर में हड्डी तोड़ बुखार हो तो तत्काल जांच कराकर चिकित्सक की सलाह पर उपचार करें।
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी का समय से उपचार होना ही बचाव हैं, नहीं तो जान भी जा सकती है। इस मच्छर का असर बरसात के बाद जुलाई से अक्टूबर तक प्रभावी रहता है। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरपी मौर्या का। जिले के बढ़नी कस्बा में लगातार डेंगू के लक्षण मिलने से स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है। स्वास्थ्य टीम गठित कर घर-घर जांच कराई जा रही है। कोविड-19 के दौर में इस डेंगू बीमारी को नजरअंदाज करना नुकसान देय है। इसी कस्बे में लगातार कोरोना मरीज मिलने के बाद डेंगू के भी लक्षण के मरीज मिल रहे हैं। इसके लिए सभी को अलर्ट रहने की जरूरत है। स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के अलावा जिले की भी टीम प्रतिदिन डेंगू प्रभावित क्षेत्रों की मॉनीटरिंग कर रही है। जुलाई में बरसात खत्म होते ही यह मच्छर अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देते हैं और इनका असर अक्टूबर तक बना रहता है। आम बोलचाल की भाषा में डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार कहते हैं। इस बीमारी के हो जाने से शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। बढ़नी कस्बा में अब तक दो दर्जन से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं। इस बीमारी की चेन तोड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन जांच कराने में जुटा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ स्वंय भी बचाव के लिए जागरूक रहना होगा। डॉ. आरपी मौर्या ने बताया कि बढ़नी में लगातार मॉनीटरिंग हो रही है। स्वास्थ्य विभाग अपना काम कर रहा है, लेकिन जनसमुदाय को भी बीमारी से बचने के लिए जागरूक रहना होगा।
मलेरिया की तरह डेंगू
डेंगू बीमारी मलेरिया की ही तरह बुखार का रूप लेता है। यह एडीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर काफी ढीठ व साहसी मच्छर होता हैं।
डेंगू से बचाव के उपाय
मच्छर भगाने वाली क्रीम का उपयोग करें।
पानी के बर्तनों को भरने से पहले उन्हें साफ करें।
पानी की सभी टंकियों एवं पात्रों को ढक कर रखें।
उपयोग में न आने वाली वस्तुओं को नष्ट करें, ताकि पानी जमा न हो सके।
पूरे बाजू वाले कपड़े पहनें।
बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।