01 November, 2024 (Friday)

स्वच्छता की कमी और कुपोषण के अलावा प्रदूषण भी है टीबी की एक वजह, जानें इसके उपचार और बचाव के बारे में

सर्दियों की आहट के साथ ही वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढऩे लगता है। बदलते मौसम और तापमान में आने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर फेफड़े की सेहत पर पड़ता है। मौज़ूदा हालात को देखते हुए कोविड-19 से बचाव के लिए भी लंग्स का विशेष रूप से ध्यान रखना ज़रूरी है। वरना इससे कई सारी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जिसमें से एक है टीबी।

क्या है टीबी

टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया का गंभीर संक्रमण है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन रक्त प्रवाह के माध्यम से यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे आंत, रीढ़ की हड्डी, गर्दन और ब्रेन तक भी पहुंच सकता है। यह माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। टीबी का संचरण संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ लोगों में वायु द्वारा होता है। इसे दवाओं से दूर किया जा सकता है। यह बैक्टीरिया बहुत शक्तिशाली होता है। इसे पूरी तरह नष्ट करने में लगभग 6 महीने लग जाते हैं।

कारण: स्वच्छता की कमी, कुपोषण, प्रदूषण, सिगरेट और एल्कोहॉल की लत और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना आदि इसके प्रमुख कारण हैं।

लक्षण: लगातार खांसी, कफ के साथ खून आना, भूख न लगना, तेज़ी से वज़न घटना, सीने में दर्द, थकान, सुस्ती, बेवजह पसीना आना, गहरी सांस लेने पर सीने में दर्द। संक्रमण शरीर के जिस हिस्से तक पहुंचता है वहां दर्द शुरू हो जाता है।

जांच एवं उपचार: शुरुआती दौर में छाती का एक्स-रे, खून और बलगम की जांच की जाती है। बीमारी की पहचान होने के बाद मरीज़ को दवाएं दी जाती हैं, जिनका हर हाल में नियमित सेवन ज़रूरी होता है। परिवार के सदस्यों को भी संक्रमण से बचाने के लिए दवाएं दी जाती हैं। मरीज़ को पूर्णत: स्वस्थ होने में छह से नौ महीने लग जाते हैं।

बचाव: हमेशा पौष्टिक और संतुलित आहार लें, स्वच्छता का ध्यान रखें। अगर दवाएं लेने के बाद भी खांसी दूर न हो तो बिना देर किए टीबी की जांच कराएं, संक्रमित व्यक्ति से उचित शारीरिक दूरी बनाएं रखें और मास्क पहनना न भूलें।

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *