22 November, 2024 (Friday)

अगले कुछ दिनों में बढ़ सकता है इन 5 बीमारियों का कहर, महिलाएं रखें अपना खास खयाल

भारत के कई राज्यों में इस वक्त गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है. दिल्ली-एनसीआर में पारा 40 के पार पहुंच गया है. मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि आने वाले कुछ दिनों में गर्मी का कहर और ज्यादा बढ़ सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो इस मौसम में तेज धूप, अत्यधिक पसीना और लू की वजह से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होने लगती हैं. गर्मी में सबसे ज्यादा खतरा डिहाइड्रेशन का होता है. हमारे शरीर में जब पानी की कमी हो जाती है, तब डिहाइड्रेशन की कंडीशन पैदा हो जाती है. आज डॉक्टर्स से जानेंगे कि इस मौसम में किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

मुंबई के अपोलो डायग्नोस्टिक सेंटर के चीफ पैथोलॉजिस्ट डॉ. राजेश बेंद्रे ने बताया कि गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, वायरल फीवर, यूटीआई, डायरिया, माइग्रेन, किडनी स्टोन, आंखों में इंफेक्शन और पेट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में पानी की कमी होने पर डिहाइड्रेशन की नौबत आ सकती है, जिससे हार्ट हेल्थ को भी नुकसान हो सकता है. डिहाइड्रेशन से अत्यधिक थकान होने लगती है और इससे बीपी-शुगर लेवल भी प्रभावित होने लगता है. ऐसे में लोगों को प्रतिदिन 3-4 लीटर पानी पीना चाहिए और खुद को हाइड्रेटेड रखना चाहिए. गर्मियों में किडनी स्टोन के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह पानी की कमी है. किडनी स्टोन होने पर पेशाब करने में दर्द व जलन, पेशाब में खून, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, पीठ दर्द, बार-बार पेशाब आना और बुखार जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

डॉक्टर का कहना है कि गर्मियों में टाइफाइड, पीलिया और गैस्ट्रो से संबंधित बीमारियां भी फैलने लगती हैं. लोगों को गर्मियों में खुले कटे हुए फल खाने से बचना चाहिए. ऐसा करने से बीमारियां फैलती हैं. इतना ही नहीं, फलों के जूस में इस्तेमाल की जाने वाली बर्फ भी सेहत के लिए खतरनाक होती है. गन्ने का रस पीना सभी को इस मौसम में अच्छा लगता है, लेकिन यह अक्सर पीलिया और टाइफाइड का कारण बनता है. इसे पीने से बचना चाहिए. अगर किसी को गर्मी में ज्यादा पसीना, मतली, उल्टी, घबराहट, चक्कर आना, बीपी. हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना चाहिए. हार्ट के मरीजों को भी गर्मियों में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और समय-समय पर कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह लेनी चाहिए.
मुंबई के झायनोव्हा शाल्बी हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता लाडगुड़ी ने बताया कि गर्मी में लगातार पसीना आने से डिहाइड्रेशन हो जाता है और इससे मासिक धर्म प्रभावित होता है. गर्मियों में मासिक धर्म अधिक समय तक चल सकता है. पीरियड्स के दौरान फीमेल्स यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई का शिकार भी हो जाती हैं, क्योंकि गर्म वातावरण में बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं. अत्यधिक पसीना आने से इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ना, त्वचा में खुजली और यूटीआई हो सकता है. महिलाओं को गर्मियों में ज्यादा आम, पपीता या अनानास जैसे गर्म खाद्य पदार्थ कम खाने चाहिए, क्योंकि इससे पेट में गर्मी पैदा होती है और गर्भाशय सिकुड़ जाता है. इससे मासिक भी प्रभावित होता है. महिलाओं को इस मौसम में खूब पानी पीना चाहिए और शरीर की साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही हेल्दी डाइट लेनी चाहिए.
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