भारत में नोवोवैक्स वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी, 12 से 18 वर्ष के किशोरों को लगेगा यह टीका
कोराना वैक्सीन के मामले में भारत के लिए एक और अच्छी खबर है। नोवावैक्स कोरोना वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। ये वैक्सीन 12 से 17 साल के बच्चों को लगाई जाएगी। नोवोवैक्स की इस वैक्सीन को NVX-CoV2373 के नाम से भी जाना जाता है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस वैक्सीन को बना रही है। भारत में इसे कोवोवैक्स के नाम से जाना जाएगा। ये पहला प्रोटीन-आधारित वैक्सीन है।
कोवोवैक्स अब देश की चौथी ऐसी वैक्सीन है जो भारत में 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों की लगेगी। भारत में इससे पहले बायोलॉजिकल ई की कोरबेवैक्स, ज़ायडस कैडिला की ZyCoV-D और भारत वायोटेक की कोवैक्सीन है जिसका इस्तेमाल 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर किया जा रहा है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में कोरोनावायरस के कारण होने वाले कोविड-19 बीमारी को रोकने के लिए सक्रिय टीकाकरण के लिए ‘कोवोवैक्स’ के आपातकालीन स्थिति में उपयोग की अनुमति दी है।
नोवावैक्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टेनली सी एर्क ने कहा कि हमें किशोरों के लिए इस वैक्सीन की पहली मंजूरी मिलने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि इस वैक्सीन की प्रभावकारिता और सुरक्षा भारत में 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए एक वैकल्पिक प्रोटीन-आधारित वैक्सीन का विकल्प प्रदान करेगी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा कि भारत में 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के किशोरों के लिए कोवोवैक्स की मंजूरी भारत और निम्न एवं मध्यम आय वाले देश (एलएमआईसी) में हमारे टीकाकरण प्रयासों को मजबूत करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के किशोरों के लिए एक अनुकूल सुरक्षा प्रोफाइल के साथ प्रोटीन-आधारित कोविड-19 वैक्सीन देने पर गर्व है।
बता दें कि डीसीजीआई ने पहले ही 28 दिसंबर को 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों के लिए ‘कोवोवैक्स’ के आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल वैक्सीन में भी ‘कोवोवैक्स’ का नाम शामिल है।