तीन मिनट की पिटाई में अचेत हो गए थे मनीष, सीसीटीवी से खुला राज



Manish Gupta Murder Case: 27 सितंबर की रात कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता दो से तीन मिनट की ही पिटाई में अचेत हो गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनीष के चेहरे, सिर, आंख के पास, पेट में व हाथ की कुहनी में घाव के निशान मिले थे। एसआइटी इस बात की जांच में जुटी है कि क्या कमरे में एक साथ सभी पुलिस कर्मी मनीष पर टूट पड़े थे।
मनीष को अचेतावस्था में लेकर बाहर निकली थी पुलिस
एसआइटी (विशेष जांच दल) की जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी भी इस सवाल का जवाब उसके पास नहीं है कि कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में 27 सितंबर की रात बर्बरता की हद क्या थी। मनीष को सिर्फ एक पुलिस कर्मी ने मारा था कि क्या एक साथ सभी पुलिस कर्मी उस पर टूट पड़े थे, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में कमरे से पुलिस के अंदर आने व बाहर जाने के समय व पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दर्ज चोटों पर एक साथ गौर किया जाए तो उससे संकेत यही मिल रहे हैं कि कमरे में एक साथ मनीष पर एक साथ कई पुलिस वाले टूट पड़े थे।
सीसीटीवी फुटेज ने खोले राज
घटना की रात होटल की सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहा है कि पुलिस रात में करीब 12.05 पर होटल के कमरे में गई थी। रात में 12.11 पर पुलिस मनीष को अचेतावस्था में लेकर होटल के कमरे से बाहर निकलती देखी जा रही है। छह मिनट के भीतर पुलिस ने मनीष के दोस्तों की आइडी चेक की। उनके बैग देखे। इस दौरान मनीष ने अपने भांजे के दोस्त दुर्गेश को फोन भी किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साबित है कि मनीष की पिटाई हुई थी। दो से तीन मिनट में पिटाई और मनीष के शरीर पर मौजूद चोटों का तात्पर्य है कि उन पर एक साथ सभी पुलिस कर्मी टूट पड़े थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में है इन चोटों का जिक्र
पीएम रिपोर्ट, मनीष गुप्ता के शव पर एंटीमोर्टम इंजरी मिली है। इसका मतलब, सभी चोट के निशान मरने के पहले के हैं।
रिपोर्ट की कुछ प्रमुख बातें-
एब्डॉमिनल इंजरी( पेट के अंदरूनी हिस्से में चोट)
चेहरे पर कट के निशान(5×4 सेमी)
आंखों के ऊपर कट का निशान
दाहिने हाथ पर कट का निशान (3×20 एमएम)