दो गिरफ्तार, अन्य आरोपित पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी के लिए कई जिलों में छापेमारी
मनीष हत्याकांड में हत्यारोपित इंस्पेटक्टर जगत नारायण सिंह व उपनिरीक्षक अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी के साथ पुलिस का टार्गेट वन पूरा हो गया। पुलिस अब टार्गेट सेकेंड की तैयारी में जुट गई है। उपनिरीक्षक विजय यादव, राहुल दुबे सहित वह दो हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए सघन छापेमारी में जुटी है।
लखनऊ, वाराणसी, गाजीपुर, प्रयागराज के लिए लगाई गई हैं पुलिस की टीमें
एसआइटी ने हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए अपना टार्गेट तय कर रखा था। उनकी पहली प्राथमिकता इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह व दारोगा अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी थी। रविवार शाम जैसे ही दोनों हत्यारोपित एसआइटी के हत्थे चढ़े एसआइटी अपनी दूसरी प्राथमिकता को पूरी करने में जुट गई है। एसआइटी ने छापेमारी में जुटी टीमों को लखनऊ, वाराणसी, गाजीपुर, प्रयागराज में दबिश तेज करने का निर्देश दिया है। बता दें हत्यारोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी के निर्देशन में गोरखपुर व कानपुर की आठ-आठ टीमें लगाई गई हैं। शनिवार को टीमों के साथ अलग-अलग मीटिंग करके एसआइटी ने सर्किट हाउस से टीमों को अलग-अलग जिलों के लिए रवाना किया था।
अरेस्ट स्टे लेने की फिराक में हत्यारोपित दारोगा विजय यादव
मनीष हत्याकांड में फरार दारोगा विजय यादव की हाईकोट से अरेस्ट स्टे लेने की फिराक में है। इसकी सूचना मिलते ही एसआइटी ने प्रयागराज में कुल टीमें लगा दी हैं। सभी को निर्देशित किया है कि किसी भी हाल में दारोगा को गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए। हालांकि आरोपित दारोगा अपने करीबियों से यह कहते सुना गया है कि वह सीसीटीवी फुटेज में कहीं नजर नहीं आया है। ऐसे में उसे अरेस्ट स्टे मिल जाना चाहिए। लेकिन पुलिस कर्मियों का मानना है कि दारोगा को कहीं अरेस्ट स्टे मिल गया तो यह पुलिस कर्मियों की भूमिका पर बड़ा सवाल होगा।
अवकाश को लेकर सफल नहीं हो सकी हत्यारोपितों की चाल
हत्यारोपित जगत नारायण लंबे समय तक एसटीएफ में रहा है। अपने सर्विस कैरियर में वह नौ व्यक्तियों का एनकाउंटर कर चुका है। पुलिस की नस-नस से वह अच्छी तरह वाकिफ था। ऐसे में रविवार को अवकाश को लेकर उसने आत्मसमर्पण की रणनीति बनाई थी। उसकी तैयारी थी कि वह रात में आकर गोरखपुर में ठहरता और सोमवार की सुबह न्यायालय में आत्मसमर्पण करता। लेकिन पुलिस उससे पहले उसे दबोच लिया।
ऐसे हुई गिरफ्तारी
पुलिस कर्मियों के लिए इस बार चुनौती कोई और नहीं, बल्कि वह व्यक्ति था, जिसे अच्छी तरह से पता था कि पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए क्या-क्या हथकंडे अपना सकती है। इसलिए पुलिस भी एक-एक गतिविधियों पर ध्यान दे रही थी। इधर जगत नारायण ने तैयारी कर रखी थी कि रविवार को कोई इस पर ध्यान नहीं देगा कि वह आत्मसमर्पण के लिए न्यायालय आने का प्रयास करेगा और सोमवार सुबह वह वहां आत्मसमर्पण कर देगा, लेकिन पुलिस आने-जाने वाले हर किसी पर ध्यान दे रही थी। ऐसे में रविवार शाम देवरिया बाईपास तिराहे पर पुलिस को दिख गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।