20 November, 2024 (Wednesday)

हत्‍या से लेकर मुख्‍य आरोप‍ित की ग‍िरफ्तारी तक, जानिए कब क्या हुआ

Manish Gupta Murder Case: कानपुर के व्‍यवसायी मनीष गुप्‍ता की हत्‍या के बाद पुल‍िस ने जमकर खेल क‍िया। मीड‍िया में मामला जोर शोर से उठने के बाद सरकार ने गंभीर रूख अपनाया और जांच एसआइटी को दी गई। इसके बार एसआईटी ने हत्‍याकांड की परत दर परत खोलकर रख द‍िया।

मुखबिरी के संदेह में थाने से हटे जेएन के कारखास

मनीष हत्याकांड में हत्या का मुकदमा दर्ज होने की खबर लगते ही आरोपित निरीक्षक जगत नारायण सिंह समेत सभी आरोपित फरार हो गए।कानपुर एसआइटी के साथ ही गाेरखपुर पुलिस की टीम 13 दिन तक उनकी तलाश में छापेमारी करती रही।लेकिन आरोपित हाथ नहीं लगे।एसआइटी व गोरखपुर पुलिस की हर गतिविधि की जानकारी उन्हें मिलती रही। भनक लगने पर एसएसपी ने मुखबिरी के संदेह में रामगढ़ताल थाने में छह पुलिसकर्मियों को हटा दिया।अभी भी कई लोगों की निगरानी की जा रही है।

रामगढ़ताल थाने में जगत नारायण व अक्षय मिश्रा की एक टीम थी।हर गुडवर्क में चहेतों का ही नाम होता था।अधिकारियों को रिपोर्ट देकर जगत नारायण सिंह ने थाने पर अपने कई चहेतों की पोस्टिंग कराई।अपनी सुविधा अनुसार सभी को कार्यालय, चौकी व बीट में तैनात किया।मुकदमा दर्ज होने के बाद यही लोग जगत नारायण के साथ ही उसके अन्य साथियों की मदद कर रहे थे।क्राइम ब्रांच की सर्विलांस टीम चिन्हित किए गए लोगों की निगरानी कर रही थी।शनिवार को एसएसपी डा. विपिन ताडा ने चिन्हित किए गए छह पुलिसकर्मियाें को रामगढ़ताल थाने से हटा दिया।

यह है घटनाक्रम

27 सितंबर- पुलिस की पिटाई से मनीष गुप्ता की मौत

28 सितंबर- इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह सहित छह पुलिस कर्मियों पर हत्या का केस

29 सितंबर- गोरखपुर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की

30 सितंबर- विवेचना क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर को सौंपी गई

1 अक्टूबर- केस कानपुर एसआइटी को ट्रांसफर

2 अक्टूबर- एसआइटी कानपुर ने गोरखपुर पहुंचकर शुरू की जांच

3 अक्टूबर- होटल, हास्पिटल व मेडिकल कालेज पहुंचकर जुटाए साक्ष्य

4 अक्टूबर- मनीष के हत्या किये जाने के मिले प्रमाण

5 अक्टूबर- आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें गठित की गईं

6 अक्टूबर- एसपी क्राइम व सीओ कैंपियरगंज के नेतृत्व में दो टीमें बढ़ाई गईं

7 अक्टूबर- आरोपितों के स्वजन व रिश्तेदारों पर बढ़ा पुलिस का दबाव

8 अक्टूबर- छापेमारी के लिए गोरखपुर व कानपुर की आठ-आठ टीमें लगाई गईं

9 अक्टूबर- इंस्पेक्टर जेएन सिंह व दारोगा अक्षय मिश्रा के स्वजन को पुलिस ने उठाया

10 अक्टूबर- इंस्पेक्टर जेएन सिंह व दारोगा अक्षय मिश्रा को पुलिस ने किया गिरफ्तार।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *