13 April, 2025 (Sunday)

प्रदेश में 2023 तक टीबी रोग के पूर्ण उन्मूलन की प्रतिबद्धताः स्वास्थ्य मंत्री आंबेडकर सभागार में टीबी (क्षय रोग ) पर जनपद स्तरीय संवेदीकरण बैठक का हुआ आयोजन

(सिद्धार्थनगर )। टीबी (क्षय रोग) के उन्मूलन में जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सभी के सहयोग से प्रदेश सरकार के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2023 तक प्रदेश को टीबी (क्षय रोग) से उन्मूलन का संकल्प लिया है। यह बातें स्वास्थ्य मंत्री  जय प्रताप सिंह ने कही। वह शनिवार को आंबेडकर सभागार में आयोजित टीबी (क्षय रोग) पर जनपद स्तरीय संवेदीकरण बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।

ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार, भारत सरकार के टीबी उन्मूलन के वर्ष 2025 के सापेक्ष, वर्ष 2023 तक टीबी के पूर्ण उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध है और इस सम्बन्ध में, प्रत्येक स्तर से सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बांसी और मिठवल विकास खण्डों के ग्राम प्रधानों से वर्चुअल माध्यम से संवाद करते हुए कहा कि टीबी रोग के उन्मूलन में जन-प्रतिनिधियों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है और आप सबके सहयोग से ही इस सम्बन्ध में चलाये जा रहे कार्यक्रम को पूर्ण सफलता प्राप्त हो सकती है।

जिले में ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा बांसी और मिठवल ब्लॉक में कम्युनिटी एंगेजमेंट एंड लीडरशिप डेवलपमेंट माडल  जैसे कार्यक्रम के माध्यम से गतिविधियों को संपादित किया जा सकता है। इसके निःसंदेह उत्साहजनक परिणाम निकलेंगे। सरकार, टीबी उन्मूलन के लिए अथक प्रयास कर रही है, इसीलिए हम सबका सामूहिक उत्तरदायत्वि है कि इस बीमारी के बारे में समुदाय के लोगों तक हर मंच से जागरूकता फैलाएं, नयी रणनीतियां बनाएं और इसको पूर्ण रूप से समाप्त करने का प्रण लें। वर्चुल संवाद में उपस्थित जनों से कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल की प्रेरणा स्वरुप वह भी अपने जनपद में 18 साल से कम उम्र के टीबी से पीड़ित बच्चे को गोद लेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधि भी अपने-अपने क्षेत्र में इस सेवा भाव का अनुसरण करें। डीएम दीपक मीणा ने कहा कि आशाएं डॉट्स के तौर पर कार्य कर रही हैं। जिले में अन्य तंत्र बढाने की आवश्यकता है, ताकि मरीजों की पहचान करके उन्हें अस्पतालों में निःशुल्क इलाज आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। मुख्य चिकत्सिाधिकारी डॉ. आई वश्विकर्मा ने कहा कि जनपद में टीबी रोग की टीबी मरीजों की पहचान करके उन्हें गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि संस्थागत प्रसव के तुरंत बाद ही नवजात को बीसीजी के टीका लगाया जा रहा है ताकि, बचपन से ही बच्चों का टीबी से सुरक्षा चक्र बन सके। राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि पूरे वश्वि के सापेक्ष भारत में टीबी रोग से ग्रसित 25 प्रतिशत मरीज हैं और इनमें हर पांचवा मरीज उत्तर प्रदेश से है। उन्होंने प्रदेश में टीबी की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया और बताया कि अब तक टीबी के सघन रोगी खोज अभियान के अंतर्गत तीन लाख पंद्रह हजार मरीजों की पहचान करके उनका निःशुल्क इलाज किया जा रह है। टीबी उन्मूलन के लिए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने बताया कि पिछले दो साल में सरकार द्वारा नयी रणनीतियां बनाई गयी हैं, जिनमें प्राइवेट सेक्टर की सहभागिता, वर्तमान जांच प्रणाली को और रोगियों के उपचार तंत्र को और अधिक मजबूत करना, साथ ही प्रोत्साहन राशि के रूप में सरकार द्वारा टीबी मरीजों के लिए आर्थिक सहयोग के रूप में दी जाने वाली प्रोत्साहन धनराशि से सम्बंधित नक्षिय पोषण योजना के बारे में भी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि यह योजना 1 अप्रैल, 2018 से लागू की गयी है। इसके अंतर्गत, प्रत्येक टीबी मरीज को उपचार की पूरी अवधि के दौरान 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि सीधे उसके खाते में स्थान्तरित की जाती है और अब तक इस मद में एक सौ चैहत्तर करोड़ रुपये लाभार्थियों में वितरित किये जा चुके हैं। ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज द्वारा जनपद सद्धिार्थनगर और लखीमपुर खीरी में चलाये जा रहे सामुदायिक सहभागिता पहल पर भी उन्होंने वस्तिार से जानकारी दी। ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के अनुज घोष ने कम्युनिटी इंगेजमेंट एंड लीडरशिप डेवलपमेंट (सी ईएलडी) के सम्बन्ध जानकारी दी। बांसी और मिठवल ब्लाक में टीबी उन्मूलन के लिए लोगों के स्वयं के व्यहवार में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम में अपर जिला क्षय रोग अधिकारी मानवेंद्र पाल, पंकज त्रिपाठी, डीपीएम राजेश शर्मा, डीसीपीएम मानबहादुर, अनंत कुमार, प्रवीण त्रिपाठी, बीएसए राजेंद्र सिंह व अन्य मौजूद रहे।

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