सिक्किम में बाढ़ से 53 की मौत, तीस्ता नदी में 27 शव मिले
अचानक आई बाढ़, बादल फटने से सिक्किम तबाह हो गया है, जिससे 25,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, लगभग 1,200 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 13 पुल नष्ट हो गए हैं.सिक्किम में अचानक आई बाढ़ में सात सैनिकों सहित कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई है. पिछले तीन दिनों में पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में तीस्ता नदी के तल में 27 और शव पाए गए हैं. इनमें से सात शवों की पहचान कर ली गई है.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
-140 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं. सिक्किम सरकार ने बताया है कि 1,173 घर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 2,413 लोगों को बचाया गया है. तीस्ता-V हाइड्रोपावर स्टेशन की ओर जाने वाले सभी पुल डूब गए हैं या बह गए हैं, जिससे उत्तरी सिक्किम से कम्युनिकेशन बाधित हो गया है.
-सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बचाव, राहत और रिस्टोरेशन की रणनीति तैयार करने के लिए कल एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. चुंगथांग तक सड़क संपर्क खोलने को प्राथमिकता दी गई है, जबकि नागा से टूंग तक सड़क का निर्माण जल्द से जल्द जमीन की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा. मारे गए लोगों के परिजनों के लिए 4 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है.
सिक्किम के अधिकारी चुंगथांग के लिए सड़क संपर्क को फिर से खोलने और नागा से टूंग तक भूमि की उपलब्धता के आधार पर सड़क का निर्माण करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. पूरे दिन, विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें सड़क संपर्क, राहत और पुनर्वास और बचाव कार्यों की स्थिति के बारे में जानकारी दी.
-इधर, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले पांच दिनों में मंगन जिले के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की भविष्यवाणी की है, लाचेन और लाचुंग में आमतौर पर बादल छाए रहेंगे. इससे 3,000 से अधिक फंसे हुए पर्यटकों को हवाई मार्ग से निकालना चुनौतीपूर्ण हो गया है.
-भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने बताया कि लाचेन और लाचुंग घाटियों में खराब मौसम, बादल छाए रहने और कम दृश्यता के कारण पिछले दो दिनों से एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के साथ बचाव और राहत अभियान चलाने के कई प्रयास असफल रहे हैं. अगर मौसम ठीक रहा तो हवाई बचाव अभियान आज सुबह फिर से शुरू होने की उम्मीद है.
-अचानक आई बाढ़, बादल फटने से सिक्किम तबाह हो गया है, जिससे 25,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, लगभग 1,200 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 13 पुल नष्ट हो गए हैं. बचावकर्मियों ने अब तक 2,413 लोगों को बचाया है, लेकिन 6,875 लोग विस्थापित हैं और राज्य भर में 22 राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं, जो देश के बाकी हिस्सों से काफी हद तक कटा हुआ है.
-एक ग्लेसियल लेक के फटने और चुंगथांग बांध से पानी छोड़ने के कारण बुधवार सुबह तीस्ता नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया, जिससे सुरम्य हिमालयी राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही हुई.
-मुख्यमंत्री तमांग ने चुंगथांग बांध के विनाश के लिए पिछली राज्य सरकारों द्वारा “घटिया निर्माण” को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है और पुल बह गए हैं. उत्तरी सिक्किम में संचार गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है.”
-शुक्रवार को एनडीटीवी को पता चला कि एक संसदीय समिति ने हिमालयी क्षेत्रों में मौसम विज्ञान और वॉच स्टेशनों में की भारी कमी को चिह्नित किया है. 29 मार्च को, सिक्किम के बारे में संसद में बताया गया कि इसमें 694 हिमनद झीलें और आठ बाढ़ पूर्वानुमान स्टेशन हैं, तीन जल स्तर के लिए और पांच प्रवाह के लिए.
-गृह मंत्री अमित शाह ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से अग्रिम रूप से 44.8 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दे दी है. गृह मंत्रालय ने प्रभावित इलाकों का दौरा करने और नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) का भी गठन किया है.