मेरठ में सत्ता के कद्दावर नेता के संरक्षण में चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री, सामने आए महत्वपूर्ण तथ्य
बीएड कॉलेज में शराब फैक्ट्री का भंड़ाभोड़ होने के बाद कई सवाल सामने आने लगे हैं। खासकर यह बात सोचने वाली है कि लंबे समय से शराब फैक्ट्री बीएड कॉलेज के अंदर चल रही थी लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं हुई। इसको लेकर आबकारी व पुलिस विभाग पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं जानकारी यह भी है कि सत्ता पर काबिज एक कद्दावर नेता का फोन छापेमारी के दौरान आया था।
सत्ता के कद्दावर नेता के संरक्षण में है सचिन
फैक्ट्री की धरपकड़ के बाद कंकरखेड़ा और जानी पुलिस में कहासुनी तक हुई। मामला एसएसपी के संज्ञान में आने के बाद जानी पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। छापेमारी के दौरान सत्ता के एक कद्दावर नेता के फोन अफसरों तक पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि सचिन नेता के संरक्षण में ही धंधा कर रहा था। फिलहाल आरोपित सचिन फरार है। पुलिस ने इसको पकड़ने के लिए टीम गठित की है।
पांच मौतों की जिम्मेदार भी अवैध शराब फैक्ट्री तो नहीं
रोहटा के डूंगर और जानी गांव के मीरपुर जखेड़ा में शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। पता किया जा रहा है कि कहीं यह शराब जानी थाना क्षेत्र में संचालित हो रही शराब फैक्ट्री से तो सप्लाई नहीं हो रही थी।
मंसूरपुर डिस्टलरी से जुड़े हैं तार
मंसूरपुर की सर शादीलाल डिस्टलरी में तोहफा मार्का देशी शराब तैयार की जाती है। इसी नाम से नकली शराब जानी के बीएड कालेज में बन रही थी। शराब की बोतलों पर टिन नंबर और होलोग्राम असली थे। पुलिस के अनुसार अवैध शराब फैक्ट्री में मंसूरपुर डिस्टलरी के स्टाफ की भी मिलीभगत है। पुलिस ने डिस्टलरी में काम करने वाले एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सचिन पांच जनपदों में नकली शराब बेच रहा था। वह असली शराब से 30-40 फीसद कम दाम पर ठेकों पर नकली शराब मुहैया कराता था। यह शराब ग्रामीण क्षेत्र के कुछ तस्करों के जरिए भी बेची जाती थी। पुलिस की जांच में सामने आया कि लाकडाउन से फैक्ट्री संचालित हो रही है।