22 November, 2024 (Friday)

महामारी से बड़ी राहत के संकेत, एक माह बाद कोरोना संक्रमण के नए मामले एक लाख से कम

कोरोना संक्रमण से बड़ी राहत के संकेत मिले हैं। महामारी की तीसरी लहर से जूझ रहे देश में एक महीने बाद दैनिक संक्रमण के मामले एक लाख से नीचे आए हैं। केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र में हालात बेकाबू हो गए थे, अब केरल को छोड़कर बाकी दोनों राज्यों में स्थिति लगभग नियंत्रण में है। केरल में भी मामले घट रहे हैं, हालांकि मरने वालों की संख्या जरूर ज्यादा आ रही है, क्योंकि राज्य सरकार पहले हुई मौतों को नए आंकड़ों के साथ जोड़कर जारी कर रही है।

देशभर में मिले 83,876 नए केस

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 83,876 नए केस मिले हैं। इससे पहले पांच जनवरी को 90 हजार केस पाए गए थे। इस दौरान 895 मौतें हुई हैं, लेकिन इनमें 515 मौतें अकेले केरल से हैं। केरल में भी पिछले एक दिन में सिर्फ 22 मौतें ही हुई हैं, बाकी की मौतें पहले हुई थी और उन्हें अब कोरोना संक्रमण से हुई मौत माना गया है और नए आंकड़ों के साथ जारी किया गया है। वास्तव में एक दिन में 402 मौते ही हुई हैं। इस दौरान सक्रिय मामलों में 1,16,073 कमी आई है और वर्तमान में सक्रिय मामले 11,08,938 रह गए हैं जो कुल मामलों का 2.62 प्रतिशत है।

नए मामलों की तुलना में मौतों के अनुपात के आंकड़ों से भी साफ है कि हालात सुधर रहे हैं। मामले बढ़ रहे थे तब मरीजों के उबरने की दर घटने लगी थी, लेकिन मृत्युदर भी बढ़ नहीं रही थी, बल्कि घट ही रही थी। वर्तमान में मरीजों के उबरने की दर 96.19 प्रतिशत पर पहुंच गई है और मृत्युदर 1.19 प्रतिशत पर बनी हुई है। दैनिक संक्रमण दर 7.25 प्रतिशत है और साप्ताहिक संक्रमण दर भी 10 प्रतिशत से नीचे (9.18 प्रतिशत) आ गई है।

ओमिक्रोन ने तीसरी लहर में बढ़े मामले

पिछले साल अप्रैल-मई से शुरू हुई महामारी की दूसरी लहर में दिसंबर आते-आते एक समय ऐसा भी लगने लगा था कि देश को अब इस महामारी से मुक्ति मिल गई है। उसी समय दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नया ओमिक्रोन वैरिएंट सामने आया और देखते ही देखते इसने दुनिया को महामारी की एक और लहर की चपेट में ले लिया। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। पिछले साल 21 दिसंबर को देश में करीब छह हजार नए केस मिले थे।

दो दिसंबर को ओमिक्रोन का पहला मामला कर्नाटक में पाया गया। उसके बाद अचानक मामले बढ़ने लगे। 21 दिसंबर को जहां करीब छह हजार मामले पाए गए थे, उसके दो हफ्ते बाद ही यानी छह जनवरी को नए मामलों का आंकड़ा एक लाख को पार कर गया। तीसरी लहर में तीन लाख से ज्यादा दैनिक मामले पहुंच गए थे, लेकिन बहुत जल्द इनमें गिरावट भी आने लगी और अब एक लाख से नीचे नए मामले आ गए हैं।

कोरोना वैक्सीन की 170 करोड़ डोज लगाई गईं

तीसरी लहर को बेकाबू होने से रोकने में टीकाकरण की अहम भूमिका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययन में यह साफ हो गया है कि टीके भले ही संक्रमित होने से नहीं बचा सकें, लेकिन ये बीमारी को गंभीर होने और मौतों को रोकने में बहुत ज्यादा प्रभावी हैं। देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 170.11 करोड़ डोज लगाई गई हैं। 90 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क आबादी को अब तक वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई है और 73 करोड़ से ज्यादा लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। कमजोर प्रतिरक्षा वालों के लिए सतर्कता डोज लगाई जा रही है और अब तक 1.45 करोड़ सतर्कता डोज लगा दी गई है।

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