राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान का हुआ शुभारम्भ
श्रावस्ती। प्रदेश सरकार के मंशानुसार जिलाधिकारी नेहा प्रकाश के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 ए0पी0 भार्गव की अध्यक्षता में जिला क्षय रोग केन्द्र, श्रावस्ती में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय कृमि अभियान के आयोजन का शुभारंभ करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा कि हर स्वस्थ्य को प्रति छह माह पर कीडे की दवा खा लेनी चाहिए। शासन के निर्देश पर 15 नवम्बर 2021 से 25 नवम्बर 2021 तक राष्ट्रीय कृमि अभियान चलाकर 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चो को घर-घर भ्रमण कर एल्बेन्डाजोल खिलाई जाएगी। इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा बहू और आंगन बाडी कार्यकत्री) द्वारा घर-घर भ्रमण एल्बेन्डाजोल की खुराक दी जाएगी। अभियान के दौरान कोविड नियमो का पूर्ण रुप से पालन किया जाएगा।
कार्यक्रम के प्रभारी जिला क्षयरोग अधिकारी डा0 सन्त कुमार द्वारा दवा खिलाने के दौरान जरुरी सावधानियो के बारे में बताया। उन्होने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता भ्रमण के दौरान 1 साल से 2 साल तक के बच्चो को दो चम्मचो के बीच पीसकर एवं 2 साल से 19 साल तक के बच्चो को चबाकर दवा खिलाई जाएगी। उन्होने कहा कि बंद कमरे के बजाए खुले में दवा का सेवन करें। यदि कोई बच्चा बीमार है तो चिकित्सक की सलाह के बाद अथवा स्वस्थ होने पर ही दवा का सेवन कराए। एल्बेन्डाजोल की खुली हुई दवाऐं न छुए और बच्चो का स्वयं चम्मच से खिलाए। अभियान के लिए सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। दवाएं चबाकर अथवा पीसकर खाने से लाभदायक रहता है। दवाओ के दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुए उन्होने कहा कि कुछ बच्चो में दवा खाने के कारण मामूली दुष्प्रभाव होते है जैसे जी मचलाना, उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और थकान होने की संभावना रहती है। यह दुष्प्रभाव क्षणिक होते है जो आसानी से संभाले जा सकते है। मामूली दुष्प्रभाव होने पर खुली जगह एवं हवादार जगह में लिटाकर साफ पानी पिलाएं। कार्यक्रम की समन्वयक बबिता बाजपेयी ने बताया कि बहुत छोटे बच्चो को दवा का चूरा बनाकर ही खिलाएं, जिससे दवा गले में फंसने का खतरा न रहे। इसके अतिरिक्त किसी अन्य समस्या पर एंम्बुलेंस को फोन करे और नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाए।
इस दौरान जिला कार्यक्रम समन्वयक रवि कुमार मिश्र, संदीप कुमार सिंह, सौरभ कटियार, अनुपम श्रीवास्तव, अनूप श्रीवास्तव सहित अन्य कर्मचारीगण मौजूद रहे।