Motivational Story: टीम भावना में होती है बड़ी शक्ति, पढ़ें यह रोचक एवं प्रेरक कथा
Motivational Story: कई बार हम कोई ऐसा काम करते हैं, जो हमारे लिए बोझिल हो जाता है और वह पूरा भी नहीं होता। उस काम में पूरी शक्ति लगाने के बाद भी वह काम अधूरा ही रहता है। वहीं, एक टीम किसी भी जटिल और कठिन काम को आसानी से पूरा कर देती है। टीम वर्क का बहुत महत्व है। यह कहने में आसान लगता है, लेकिन एक टीम को बनाए रखना और उसे प्रेरित करते रहना सबसे बड़ी चुनौती है। जागरण अध्यात्म में आज हम आपको टीम वर्क से जुड़ी एक प्रेरक कथा के बारे में बता रहे हैं, जिसे पढ़कर आपको भी टीम वर्क की अहमियत का पता चलेगा।
एक समय की बात है। एक व्यक्ति बड़े से शिलाखंड को बैलगाड़ी पर चढ़ाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन काफी मेहनत और कई कोशिशों के बावजूद वह उस पत्थर को बैलगाड़ी पर नहीं चढ़ा पा रहा था। वहां से गुजर रहा एक राहगीर बड़ी देर से उसकी यह कोशिश देख रहा था। कुछ समय बाद वह उस व्यक्ति के पास आया।
उस राहगीर ने उससे बोला, माफ करें, लेकिन आप गलत तरह से काम कर रहे हैं। इस तरह आप पत्थर को बैलगाड़ी में नहीं चढ़ा पाएंगे। पसीने से लथपथ उस इंसान को गुस्सा आ गया। वह बोला, तुम अपना काम करो, मैं पहले भी पत्थर चढ़ा चुका हूं। राहगीर जानता था कि वह व्यक्ति स्वाभिमानी है और वह मदद नहीं लेगा। इसलिए उसने कहा, मैं आपको एक तरीका बताना चाहता हूं, जिससे आप आसानी से इसे बैलगाड़ी में चढ़ा सकते हैं।
राहगीर की बात सुनकर वह व्यक्ति थोड़ा गुस्सा हुआ। उस व्यक्ति ने उस शिलाखंड को जमीन पर टिका दिया और सीधा तन कर खड़ा हो गया और बोला, बताओ, तुम कौन-सा ऐसा तरीका बताना चाहते हो, जिसे मैं नहीं जानता। इस पर राहगीर ने पत्थर का एक कोना उठाया और बोला, अगर हम दोनों मिलकर पत्थर को उठाएं, तो हम इसे बैलगाड़ी में चढ़ा सकते हैं। वह व्यक्ति मुस्कराया और दोनों ने पत्थर को पकड़ कर बैलगाड़ी में चढ़ा दिया।
कथा सार: किसी के स्वाभिमान को चोट पहुंचाए बगैर मिलकर काम करना ही टीम भावना है। इससे हमारी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।