थाना  पुलिस के साथ ही पुलिस अधीक्षक अजय कुमार फारेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। अंकित के परिवार की गांव में प्रधानी के चुनाव की रंजिश चल रही थी।  उसके  बड़े भाई आशीष प्रधान थे लेकिन इस बार महिला के लिए सीट आरक्षित होने से अंकित की भाभी चुनाव लड़ी थी,लेकिन वह पराजित हो गई थी। कोतवाल ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि अभी कोई तहरीर नहीं दी गई है। तहरीर के आधार  पर एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई होगी।। अंकित की हत्या सवालों मेंं उलझ गई है। वह कार से घर के लिए निकला था, लेकिन उसका शव सड़क पर कार के बाहर पड़ा मिला। यानी कि उसके साथ कार में कोई दूसरा व्यक्ति भी था। अब अगर हत्या कार के अंदर हुई होती तो सीट पर खून पड़ा होता। मौके की परिस्थितियों की मानें तो अंकित के साथ कोई और भी था और किसी तरह बाहर निकलने के बाद ही उसके गोली मारी गई।