करतारपुर कारिडोर के लिए पाकिस्तान के साथ काम करे भारत सरकार, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र से किया अनुरोध
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पाकिस्तान के साथ मिलकर करतापुर कारिडोर के लिए काम करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार के साथ मिलकर भारत सरकार को आधार कार्ड के माध्यम करतारपुर साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों को अनुमति देने के लिए काम करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान भारतीय पंजाब सरकार ने कारिडोर के माध्यम से करतारपुर साहिब जाने वाले तीर्थयात्रियों की $ 20 फीस देने की घोषणा की थी। हालांकि कोरोना वायरस के प्रतिबंधों के कारण बाद में रास्ते को बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि भारत की पंजाब सरकार को पवित्र मंदिर के खुले दर्शन दीदार के लिए इस फैसले को लागू करना चाहिए।
आधार कार्ड के माध्यम से तीर्थयात्रियों को दें प्रवेश
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि वर्तमान में तीर्थयात्रियों के पास करतारपुर साहिब जाने के लिए पासपोर्ट होना अनिवार्य है। उन्होंने भारत सरकार को पाकिस्तान सरकार के साथ मिलकर पार्सपोर्ट की आवश्यकता को कम करके आधार कार्ड के माध्यम से तीर्थयात्रियों को प्रवेश करने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह नानक नाम लेवा संगत के हित में है और मुझे उम्मीद है कि दोनों सरकारें इस पर सहमत होंगी।
17 नवंबर को दोबारा खोला गया था कारिडोर
आपको बता दें कि करतारपुर कारिडोर पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अंतिम विश्राम स्थल को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक मंदिर से जोड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने एक बड़े फैसले में 17 नवंबर से करतारपुर कारिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया था। इससे पहले कोरोनाा महामारी के चलते करतारपुर कारिडोर को बंद किया गया था। वीजा फ्री 4.7 किलोमीटर लंबा कारिडोर भारतीय सीमा को पाकिस्तान के गुरुद्वारा दरबार साहिब से जोड़ता है। भारत और पाकिस्तान सरकार ने साथ मिलकर 2019 में इसे चालू किया था।