16 November, 2024 (Saturday)

कानपुर पुलिस का एक और कारनामा सामने आया, अब बिठूर थानेदार के पास मिली चोरी की कार

बिकरू कांड में विकास दुबे से संबंध हो या फिर संजीत अपहरण मामले में फिरौती को लेकर किरकिरी कराने के बाद अब कानपुर पुलिस का एक और कारनामा सामने आया। इस प्रकरण के बाद एक बार फिर पुलिस महकमे में अफरा तफरी मच गई है। इस बार बिठूर थानेदार ने महकमे को कठघरे में खड़ा कर दिया है। दो साल पहले चोरी हुई कार का प्रयोग थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेंद्र प्रताप कर रहे थे। उनके पास ये कार लंबे समय से थी। ये दावा उनके आसपास रहने वाले लोगों ने किया है। थानाध्यक्ष की मुश्किल इसलिए और बढ़ सकती हैं कि क्योंकि इस कार को नौबस्ता का एक हिस्ट्रीशीटर बदमाश चलाता था। पुलिस के लिए मुखबिरी के अलावा यह बदमाश एसओ की पत्नी को स्कूल छोडऩे और ले जाने का काम भी इसी कार से करता था।

सर्विस सेंटर में सामने आई हकीकत

विज्ञापन एजेंसी संचालक बर्रा निवासी ओमेंद्र सोनी की वैगनार कार 31 दिसंबर 2018 को इलाके के ही एक सर्विस सेंटर से चोरी हो गई थी। बर्रा थाने में चोरी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। बुधवार को कार सर्विसिंग के लिए सर्विस सेंटर में पहुंची। कंपनी के कर्मचारियों ने किसी पूछताछ के लिए चेचिस नंबर के आधार पर ओमेंद्र से संपर्क किया। जब उन्हें पता चला कि दो साल पहले चोरी हुई कार सर्विस सेंटर पहुंची है तो वह हैरान रह गए। उन्होंने सर्विस सेंटर में पूछा तो पता चला कि कार थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेंद्र प्रताप ने भेजी है। सर्विस सेंटर की सीसीटीवी में नौबस्ता थाने के हिस्ट्रीशीटर के साथ एक हमराही की भी फुटेज मिली है।

सामने आई सच्चाई तो थाने में दाखिल कर दी कार

चोरी की कार का प्रयोग करने के मामले में फंसे थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेंद्र प्रताप ने कार को थाने में दाखिल कर दिया है। उच्चाधिकारियों को भेजी रिपोर्ट में थानाध्यक्ष ने कहा कि कार 14 दिसंबर को दलहन रोड पर लावारिस हालत में मिली थी। इसे थाने पर लाया गया। उसी दिन भारतपुरवा में बलवा हो गया। थाने में कोई वाहन नहीं था इसीलिए बिना अनुमति कार ले जाई गई। वापसी में खराबी आ गई। इसी वजह से उसे सर्विस सेंटर में डाल दिया गया। ठीक होने के बाद कार को थाने में खड़ा कर दिया गया।

  • थानाध्यक्ष ने मुंशी सहित कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ तस्करा भी डाला है। मामले में सीओ कल्याणपुर को जांच दी गई है। जांच रिपोर्ट मिल गई है। कुछ पुलिसकर्मियों को दोषी बताया गया है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. प्रीतिंदर सिंह, डीआइजी
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