न्यायपालिका ने कार्यपालिका को लगाई फटकार हाजी इकबाल को राहत, सरकार पर सख़्ती कोर्ट ने शिकायत पत्र में दिए आधार को बताया ग़लत



सहारनपुर। केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा उत्तर प्रदेश में पूर्व एमएलसी हाजी इक़बाल उर्फ बाला पर गंभीर धोखाधड़ी व कम्पनी अधिनियम कानून के उल्लंघन के आरोप पर द्वारका कोर्ट ने संदिग्धता ज़ाहिर की है और शिकायतकर्ता को साथ ही एसएफआईओ का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील या जांच अधिकारी को आदेश दिया है कि वह साफतौर पर बताए कंपनी अधिनियम 2013 के किस खंड का उल्लंघन किया गया है। ज्ञात हो कि जाँच एजेंसियों ने 176 को अभियुक्त बनाया था। जिसमें पूर्व एमएलसी हाजी इक़बाल भी शामिल हैं। कोर्ट ने जाँच एजेंसियों से शिकायत किस तरीके से और किस अवधि के दौरान किये जाने का सीधा सवाल तलब किया है। कोर्ट ने इस बाबत सरकार को निर्देश दिया है कि आवेदकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाएगी।
ज्ञात हो कि कोर्ट मई 2019 में पारित माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मामले से निर्वहन करने की मांग करने वाले अठारह (18) व्यक्तियों द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई कर रहा है।
ज्ञात हो कि कोर्ट मई 2019 में पारित माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार मामले से निर्वहन करने की मांग करने वाले अठारह (18) व्यक्तियों द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई कर रहा है।