आपके बच्चे के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं खाने के पैकेट में रखे प्लास्टिक के छोटे खिलौने
लखनऊ, मासूम बच्चे प्रकृति की अनमोल रचना और देश का उज्जवल भविष्य होने के बावजूद हमारे देश में उनकी जीवन सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर भी व्यापार को वरीयता प्राप्त है, ऐसा सामाजिक और पेशे से अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने हमारे संवाददाता को बताया l मामला थाना बघौली, ग्राम गदनपुर, जनपद हरदोई निवासी उमेश यादव के ढाई वर्षीय पुत्र मास्टर उर्मिल का है जिसे 26 अप्रैल को घरवालों ने क्रेक्स का पैकेट दिया, बच्चे l
किसी को इसकी जानकारी नहीं थी कि पैकेट के अंदर प्लास्टिक का खिलौना है, मासूम बच्चे ने पैकेट में रखे छोटे से पंखे वाले खिलौने को निगल गया जो श्वास की नली में जाकर फंस गया, सांस लेने में गंभीर दिक्कत होने लगी, हरदोई के डाक्टरों ने काफी प्रयास किया लेकिन वे उसे निकालने में असफल रहे l
जिले के डाक्टरों ने बच्चे को लखनऊ रेफर कर दिया गया जहां कोई भी हास्पिटल सर्जरी करने को तैयार नहीं हो रहा था काफी मसक्कत के बाद महानगर स्थित हिरण्य मेडिकल सेंटर ने करीब तीन घंटे की मसक्कत और पचासों हजार रुपए खर्च करने के बाद खिलौने को श्वास नली से निकालकर बच्चे की जान बचाई l
विजय कुमार पाण्डेय ने दुःख और आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि कैसे सरकार छोटे बच्चों के खाद्य उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को इसकी छूट दे देती है और कंपनियां अपने पैकेट में छोटे-छोटे प्लास्टिक के खिलौने डाल देती हैं जिन्हें छोटे बच्चों के लिए पहचान पाना मुश्किल होता है और वे उसे निगल जाते हैं और उनकी जान मास्टर उर्मिल की तरह खतरे में पड़ जाती है, विजय पाण्डेय ने कहा कि सरकार द्वारा ऐसे जोखिम भरे उत्पादों को बेंचने की अनुमति देना देश के करोड़ों बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ है, जिसे रोंकने के लिए शासन से गुहार लगाई जाएगी यदि कोईं कदम न उठाया गया तो अदालत के माध्यम से रोंक लगाने का प्रयास किया जाएगा l
(विजय कुमार पाण्डेय)
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