मिलिए लखनऊ निवासी कवियत्री ममता गर्ग से
श्रीमती ममता गर्ग जो मूलतः बरेली से है और अब वर्तमान में लखनऊ में निवास कर रही है । गृहिणी ममता गर्ग को कविता लेखन का विशेष शौक है तथा आप कई टीवी सीरियल्स, मैगज़ीन्स, समाचार पत्रों में अपनी रचनाये प्रस्तुत करती रही है । वर्तमान में ममता जी वेब सीरीज एवं शार्ट मूवीज के लिए लेखन कर रही है । राष्ट्रीय स्वरुप के आग्रह पर आपने एक रचना प्रेषित की
[ ये इश्क कमीना ]
पड़ो ना जूठी मोहब्बत में।
कर लो पहले पूरी जानकारी।।
ये कभी मत भूलना तुम।
पापा की हो राजदुलारी।।
कह नहीं पाते तुमको कुछ।
ये है उनकी ही लाचारी।।
धोखा जब तुम खाओगी।
लव जिहाद में मारी जाओगी।।
रोयेंगे घर में अपने सभी।
पापा नहीं भूलेंगे अपनी परी।।
मत तड़पाओ अपने प्यारे पापा को।
समझो तुम आने वाले पल को।।
वक्त ऐसा आ गया है।
सामने खड़ा हर सख्स बहुरुपिया है।।
(कवियत्री ममता गर्ग) लखनऊ
राष्ट्रीय स्वरुप ममता जी का अभिनन्दन करता है