16 May, 2024 (Thursday)

ये हैं भारत के सबसे अमीर मंदिर, करोड़ों की चढ़ती है भेंट

भारत सह धर्म सम्भाव वाला देश है. देश में हजारों की संख्या में मंदिर हैं जहां हर साल देवी-देवताओं के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था से अपना सिर झुकाने और मुराद मांगने पहुंचते हैं और करोड़ों का चढ़ावा भी चढ़ता है. हालांकि कोरोना काल  में कई मंदिर बंद थे. हर मंदिर का अपना महत्त्व और खासियत  होती है. लेकिन आज हम आपको देश के उन पांच ख़ास मंदिरों  के बारे में जानकारी देंगे जिनमें सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ता है और ये मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिर भी हैं…

पद्मनाभ स्वामी मंदिर, केरल, तिरुवनंतपुरम
पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर माना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर की 6 तिजोरियों में 20 अरब डॉलर की कुल संपत्ति है. मंदिर में स्तापित महाविष्णु भगवान की मूर्ति सोने (Gold) से बनी है. मूर्ति की अनुमानित कीमत 500 करोड़ रुपये है. मंदिर की संपत्ति को लेकर पहले काफी विवाद हो चुका है काफी विवादित है और कोर्ट को दखल देना पड़ा था.

तिरुपति बालाजी मंदिर, तिरुमला
तिरुमला तिरुपति बालाजी का नाम भी देश के सबसे प्रतिष्ठित और अमीर मंदिरों में आता है. जानकरी के अनुसार, यहां डेली लगभग 60 हजार श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. हालांकि कोरोना काल में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित था. ऐसा कहा जाता है कि इसकी कुल सालाना कमाई 650 करोड़ रुपये है.

साई बाबा मंदिर, शिरडी
महाराष्ट्र के अहमद नगर में मौजूद शिरडी साई बाबा मंदिर की काफी लोकप्रियता है. हर साल लाखों लोग यहां दर्शन के लिए देश-विदेश से आते हैं. शिरडी साई संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक 480 करोड़ रुपये सालाना दान-दक्षिणा से मंदिर को मिलने की रिपोर्ट्स पहले रही हैं, लेकिन ताज़ा आंकड़े 360 करोड़ रुपये सालाना के बताए जाते हैं.

वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
माता रानी वैष्णो देवी मंदिर की लोकप्रियता देश भर में है. साल भर यहां मां के दर्शन के लिए हजारों भक्तआते हैं. हालांकि कोरोना काल में मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक है. टूर माय इंडिया.कॉम के अनुसार, 500 करोड़ रुपये सालाना यहां के श्राइन बोर्ड को भक्तों के चंदे से मिलते हैं.

सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर गणेश भगवान का बेहद लोकप्रिय मंदिर है. यहां सेलेब्रिटी से लेकर आम नागरिक तक माथा टेकने और मन्नत मांगने आते हैं. कोरोना काल में भक्तों की आवाजाही रुकी थी. जानकारी के अनुसार, हर साल मंदिर को दान से करीब 75 से 125 करोड़ रुपये प्राप्त होते हैं.

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *