02 November, 2024 (Saturday)

ऊर्जा के लिए रूस पर बढ़ेगी निर्भरता, मास्को में भारतीय कंपनियों ने स्थापित किया एनर्जी सेंटर

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल के बढ़ते दाम के बीच भारत अपने पुराने मित्र रूस से अधिक खरीदारी की योजना पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल ही में मास्को में भारत की पांच सरकारी कंपनियों ने एनर्जी ऑफिस खोला है। दोनो देशों की सरकारों के बीच पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस सेक्टर में बड़े अहम सौदों को लेकर लगातार बातचीत जारी है। ऐसे में आने वाले दिनों में रूस और अमेरिका भी दो बड़े तेल व गैस आपूर्तिकर्ता देश होंगे।

सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष फरवरी में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला की मास्को यात्रा के दौरान हुई द्विपक्षीय बातचीत में एनर्जी सेक्टर में सहयोग प्राथमिकता पर रहा है। भारत भी रूस के एनर्जी सेक्टर में निवेश बढ़ाना चाहता है। खासतौर पर वर्ष 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान सुदूर पूर्व रूस स्थित तेल व गैस ब्लॉकों में भारतीय निवेश को लेकर चर्चा हुई थी। उस दौरान इस इलाके में फार ईस्टर्न एनर्जी कॉरिडोर बनाने की भी बात हुई थी। इसमें भारतीय कंपनियों की तरफ से बड़े पैमाने पर निवेश करने की जरूरत होगी। मास्को में एनर्जी ऑफिस की स्थापना भारत की भावी रणनीति का हिस्सा है।

पेट्रोलियम मंत्रालय का एक आंतरिक आकलन कहता है कि भारत की एनर्जी कंपनियों को आने वाले दिनों में जिन देशों में निवेश के सबसे ज्यादा मौके मिलेंगे, उनमें रूस सबसे ऊपर है। अभी भी ओएनजीसी विदेश (ओवीएल) लिमिटेड व कुछ दूसरी भारतीय कंपनियों ने रूस की पांच एनर्जी परियोजनाओं में तकरीबन 15 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है। दोनो देशों के बीच तेल व गैस की ढुलाई के लिए एक नए समुद्री मार्ग (चेन्नई-व्लादिवोस्तोक) विकसित करने को लेकर भी बात हो रही है। अभी रूस से तेल व गैस लाने में सबसे बड़ी बाधा दूरी है जो इस नए समुद्री मार्ग के बनने के बाद आसान हो सकती है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *