झारखंड में पाए गए 100 से ज्यादा फेक सरकारी टीचर, सालों से उड़ा रहे थे गवर्नमेंट का पैसा
झारखंड के सरकारी स्कूलों से जुड़ा एक चौंकाने वाला सामने आया है। राज्य के सरकारी स्कूलों में सैकड़ों गवर्नमेंट सहायक शिक्षक फेक प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे थे। ये लोग पिछले कई सालों से जाली सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक ऐसे 100 शिक्षकों की पहचान की जा चुकी है और ऐसा अनुमान है कि इसकी संख्या बढ़कर 400 से भी ज्यादा हो सकती है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद(JEPC) ऐसे शिक्षकों की सेवा समाप्त करने और उनके खिलाफ FIR कराने की तैयारी कर रही है।
सर्टिफिकेट जमा करने की 5 दिसंबर थी लास्ट डेट
झारखंड में इस फजीर्वाड़े का मामला तब सामने आया, जब सरकार के फैसले के मुताबिक JEPC(झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल) ने राज्य में काम कर रहे लगभग 62318 सहायक शिक्षकों के एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स को वेरीफाई करने की प्रक्रिया कुछ महीने पहले शुरू की। सभी सहायक शिक्षकों को 5 दिसंबर तक अपने सर्टिफिकेट्स जमा करने को निर्देश दिया गया था।
44 हजार 500 शिक्षकों के सर्टिफिकेट हो चुके वेरीफाई
जानकारी के मुताबिक 227 सहायक टीचर्स ने कल आखिरी डेट तक अपने सर्टिफिकेट नहीं जमा किए। इनमें से 52 ऐसे निकले, जिन्होंने सर्टिफिकेट जमा करने के बदले नौकरी से इस्तीफे का लेटर जमा कर दिया। लगभग 44 हजार 500 सहायक शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच पूरी की जा चुकी है। इनमें से 48 ऐसे हैं, जिनके प्रमाण पत्र फेक पाए गए हैं, जबकि 50 से ज्यादा ऐसे हैं जिनके सर्टिफिकेट संदेह के दायरे में हैं। इनमें से कई अभ्यर्थियों ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से निर्गत प्रमाण पत्र जमा किए थे।
17 हजार से ज्यादा की चल रही जांच
जानकारी के अनुसार, अभी 17 हजार से ज्यादा सहायक शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच चल रही है। JEPC ने पहले ही नोटिस जारी कर कहा था कि 5 दिसंबर तक जो पारा शिक्षक अपने सर्टिफिकेट सत्यापन के लिए जमा नहीं करेंगे, उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।
सहायक शिक्षकों का होगा असेस्मेंट टेस्ट
बता दें कि गवर्नमेंट ने सहायक शिक्षकों की सैलरी को बढ़ाने के लिए असेस्मेंट टेस्ट लेने का फैसला लिया है। इस एग्जाम में वैसे सहायक टीचर ही बैठ पाएंगे, जिनके सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन हो चुका है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन सहायक शिक्षकों के सर्टिफिकेट फेक पाए गए हैं, उनकी बर्खास्तगी के लिए उपायुक्तों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को लेटर भेजा जा रहा है।