11 April, 2025 (Friday)

Delhi Air Pollution: खतरनाक हो रही है दिल्ली-एनसीआर की हवा, AQI पहुंचा 400 के पार

हरियाणा के साथ पंजाब में पराली जलाने का असर दिल्ली-एनसीआर में साफतौर पर दिखाई देने लगा है। सोमवार सुबह से दिल्ली-एनसीआर में स्मॉक की चादर छाई हुई है, जिसके चलते मॉर्निंग वॉक कर रहे कुछ लोगों ने सांस संबंधी शिकायत भी की। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा जारी डाटा के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्टर 405 पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है। इसके साथ ही दिल्ली के आइटीओ, द्वारका और रोहिणी में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि वायु गुणवत्ता स्तर बढ़ने की स्थिति में बच्चों और बुजुर्गों को खास देखभाल की जरूरत है। वायु प्रदूषण में इजाफा होने की स्थिति में बच्चों और बुजुर्गों को घरों से निकलने में परहेज करना चाहिए। अगर जरूरत हो तो एन-95 मास्क पहनकर ही घरों से निकलें, जिससे प्रदूषण और कोरोना वायरस संक्रमण दोनों से बचाव संभव हो।

प्रदूषण ने बढ़ाई लोगों की परेशानी

दिल्ली-एनसीआर में लगातार 5 दिनों से वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में बरकरार है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी, गले में खरांश व आंखों में जलन महसूस होने लगी है। बताया जा रहा है कि पंजाब, हरियाणा व दिल्ली के आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाएं कुछ कम हुई हैं, लेकिन हवा की दिशा अनुकूल होने से पराली के धुएं से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने की आशंका है।

सफर इंडिया के अनुसार, अगले दो दिनों तक हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में बनी रहेगी। दिल्ली-एनसीआर में सभी जगह रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) पूरे दिन बेहद खराब श्रेणी (300 से अधिक) बना रहा। ग्रेटर नोएडा में एक्यूआइ 392 पहुंच गया। वहीं दिल्ली में 349 दर्ज किया गया। 24 अक्टूबर को दिल्ली में एक्यूआइ 345 था यानी पिछले दिन के मुकाबले प्रदूषण का स्तर थोड़ा बढ़ा है। हवा की गति धीमी होने का कारण सुबह में स्मॉग छाया रहा। बाद में हवा की गति बढ़ने पर दोपहर में प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हुआ। फिर भी मुंडका, आनंद विहार, विवेक विहार, जहांगीरपुरी व बवाना में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्थिति दर्ज की गई।

पराली जलाने की घटनाओं में आई कमी

सफर इंडिया के अनुसार, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली के आसपास के इलाकों में शनिवार को 867 जगहों पर पराली जलाई गई। इसके एक दिन पहले 1,292 जगहों पर पराली जलाई गई थी। एक दिन में पराली जलाने के मामलों में 33 फीसद की कमी आई, लेकिन उत्तर-पश्चिमी हवा और उसकी मध्यम गति होने के कारण पराली का धुआं पहुंचने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर थोड़ा बढ़ सकता है।

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