नल के पानी में कीड़े…’ बूंद-बूंद के लिए दौड़ रहे दिल्ली के लोग
गर्मी बढ़ने के साथ दिल्ली के कई इलाकों में पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है. यहां लंबी लाइन देखी जा सकती है. यह दिल्ली का बुद्ध नगर का इलाका है. पानी के संकट की वजह से लोगों का काम धंधा भी प्रभावित हो रहा है. कुछ लोगों ने शिकायत की है कि अगर पानी सुबह 6:30 बजे पानी आ जाता तो काम धंधे पर निकलने वाले लोगों के लिए आसानी रहती. कुछ लोगों ने कहा कि पूरे साल इसी तरह टैंकर से पानी आता है लेकिन गर्मी के मौसम में लाइन थोड़ी लंबी हो जाती है.
लोगों ने कहा गर्मी में पानी की खपत बढ़ जाती है. कुछ महिलाओं ने कहा कि वह काफी दूर से पानी लेने के लिए आती हैं और रिक्शा करके वे पानी लेकर जाती हैं. घर पर जो पानी आता है वह पीने लायक नहीं है इसलिए इस टैंकर से पीने के लिए पानी लेने आते हैं.
नलों से आ रहा गंदा पानी
यह इलाका दिल्ली के बुद्ध नगर का है. यहां बहुत गंदा पानी आ रहा है. एक महिला ने नल से पानी भर कर दिखाया. पानी में काला सफेद गंदगी तैर रहा है. पानी के भरे बर्तन दिखाते हुए लोगों ने बात की. उनका कहना है कि दो-तीन महीने से पानी की यही स्थिति है. पानी टैंकर के ड्राइवर रामानंद यादव बताते हैं कि लोग आते हैं तो यहां पर लंबी-लंबी लाइन लग जाती है. सुबह में चार टैंकर आते हैं. एक यहां पर आता है और तीन अंदर जाते हैं. गर्मी में यहां भीड़ बढ़ जाती है.
पानी के लिए लाइन में खड़े शख्स अनिल शर्मा ने बताया कि 10 से 15 मिनट में नंबर आ जाता है. भीड़ इतनी ही रहती है. यहां पानी की जरूरत है. घरों में पाइपलाइन है लेकिन वहां पर पीने के लायक पानी नहीं है. पानी के लिए लाइन में खड़े शख्स जमीला ने बताया कि बाहर पाइप का पानी आता है लेकिन उसमें कीड़े होते हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग यही टैंकर से पानी भरने के लिए आते हैं. हम काफी दूर से आते हैं. पानी भरकर रिक्शा में रखकर लेकर जाते हैं और उसका भाड़ा ₹30 लगता है. बहुत भीड़ रहती है. बेहतर यह होगा कि सुबह-सुबह पानी आ जाए ताकि कम पर जाने वाले लोग समय से काम पर जा सकें.
\लोगों का कहना है कि वोट के लिए इस लाइन को डाला गया और चुनाव के बाद कोई इसकी सुध लेने नहीं आ रहा. इस बीच एक शख्स जो की गार्ड के रूप में काम करते हैं एक बाल्टी पानी घर से भरकर लाएं, जिसमें उन्होंने दिखाया कि पानी सीवर जैसा आ रहा है. उन्होंने कहा कि वह गार्ड की नौकरी करते हैं और ₹12000 कमाते हैं. अगर पानी भी पीने के लिए बाहर से खरीदना पड़ रहा है तो कैसे मेरा काम चलेगा..