Coronavirus in Jharkhand: झारखंड में कोरोना पॉजिटिव 17 हजार से पार, ताबड़तोड़ मौतें…
Jharkhand Coronavirus Latest Update राज्य में कोरोना के सारे रिकार्ड ध्वस्त हो गए हैं। एक दिन पूर्व मंगलवार को रिकार्ड 2,844 संक्रमित मिलने तथा बुधवार को भी बड़ी संख्या में संक्रमित पाए जाने के बाद राज्य में वर्तमान में संक्रमित मरीजों की संख्या 17 हजार से अधिक हो गई है। राज्य में बुधवार को भी बड़ी संख्या में संक्रमित मिले। मिली जानकारी के अनुसार, शाम तक कोडरमा में 125, साहिबगंज में 107, दुमका में 88, गढ़वा में 66, गुमला में 54, पश्चिमी सिंहभूम में 51, लोहरदगा में 41 सरायकेला खरसावां में 16, गिरिडीह में 15 नए संक्रमित मिले।
इधर, सिमडेगा के पूर्व विधायक नियेल तिर्की का बुधवार को रांची में निधन हो गया। रिम्स के ट्रामा सेंटर में बने कोविड वार्ड में उनका इलाज चल रहा था। वहीं, कोडरमा के डोमचांच स्थित महिला डिग्री कॉलेज में बने डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में इलाजरत झुमरी तिलैया की दो संक्रमित महिलाओं सहित तीन की मौत हो गई है। बुधवार को मिले नए संक्रमितों के बाद राज्य में सक्रिय मामले की संख्या बढ़कर 17,718 हो गई है। राज्य में अबतक 1,264 कोरोना मरीजों की जान गई है।
ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए प्लांटों में 24 घंटे होगा काम
राज्य के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज में ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए राज्य के मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन व रिफिलिंग करनेवाले प्लांटों को 24 घंटे उत्पादन करने को कहा गया है। राज्य सरकार द्वारा गठित ऑक्सीजन टास्क फोर्स ने ये निर्देश निर्माताओं को दिए हैं। वर्तमान में इन प्लांटों में दो शिफ्ट में काम होता है। अब तीन शिफ्ट में काम होगा। राज्य में कोरोना के संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि होेने के बाद ऑक्सीजन की मांग में 25 गुना वृद्धि हो गई है। सबसे अधिक खपत रांची में है तथा यहां के कई अस्पतालों में इसकी किल्लत हो गई है। इसे देखते हुए बोकारो, रामगढ़ व अन्य जिलों से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए जा रहे हैं।
बताया जाता है कि राज्य में वर्तमान में लगभग 40 टन ऑक्सीजन की खपत प्रत्येक दिन है। इनमें 25 से 30 टन की खपत सिर्फ रांची में हो रही है। टास्क फोर्स ने भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए प्रत्येक दिन के लिए 80 लाख टन ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। टास्क फोर्स की बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन में कोई समस्या नहीं है। सबसे अधिक समस्या सिलेंडर के कम होने, उसकी रिफिलिंग तथा अस्पतालों तक पहुंचाने में है। निर्माताओं द्वारा यह भी कहा गया है कि कोरोना के डर से कुछ मजदूर काम करने नहीं आ रहे हैं। बता दें कि राज्य में वर्तमान में पांच प्लांटों में ऑक्सीजन का उत्पादन होता है तथा 13 प्लांटों में रिफिलिंग का काम होता है।