CISF जवानों की सेहत पर भारी पड़ रही कोयलांचल की आबोहवा, एक साल में 20 से ज्यादा ने तोड़ा दम



कोयलांचल की ओबाहवा सीआइएसएफ जवानों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। यहां की हवा में कोयले के कारण प्रदूषण कुछ ज्यादा है। हवा में मिले कोयले के कण काफी खतरनाक साबित होते हैं। इससे धनबाद के लोग तो बीमार पड़ते ही हैं, यहां तैनात सीआइएसएफ के जवानों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे भी प्रदूषण के कारण बीमार हो रहे हैं। पिछले एक साल में 21 जवानों की मृत्यु हो चुकी है। हालांकि यह तो जांच का विषय है कि मृत्यु के पीछे काैन-काैन से प्रमुख कारण थे। लेकिन एक कारण प्रदूषणजनित बीमारियों को भी माना जा रहा है।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल धनबाद यूनिट में एक साल के दौरान 21 जवानों की मौत विभिन्न रोगों से ग्रसित होने के कारण हुई है। यह काफी चिंता का विषय है। जवानों की मौत के कारणों की सूची में कैंसर, हार्टअटैक , लीवर जैसी बीमारी भी शामिल हैं, जिससे जवानों की मौत हुई है। तीन सीआइएसएफ जवानों की मौत कोरोना से ग्रसित होने के कारण हुई है। जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई। वैसे अब कोरोना को लेकर नियमित जांच के साथ साथ उनके खानपान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जरा सा भी संदेह होने पर जवानों को तुरंत जांच के साथ होम आइशोलेशन में रखा जा रहा है।
25 लाख का बिल बीसीसीएल के पास बकाया
जवानों के इलाज से संबंधित बकाया बिल बीसीसीएल प्रबंधन के पास है। काफी लंबे समय से भुगतान को लेकर सीआइएसएफ द्वारा पत्राचार किया जा रहा है। मासिक होने वाली बैठक में भी इस मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाता है। इसके बाद भी प्रबंधन की नींद नहीं खुल रही है। बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से जबाव मिलता है बजट मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा।
जवानों के आश्रितों को मिला उचित मुआवजा
केंद्र सरकार के नियम के तहत मृत जवानों के आश्रित को नियोजन के साथ साथ नगद राशि भुगतान किया गया है। साथ ही उन्हें बेहतर कैरियर ग्रोथ के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है।
ठंड से बचाव को लेकर भी हो रहे उपाय
सीआइएसएफ के तीन बैरक में जवानों को ठंड से बचाने के लिए 42 गीजर के साथ साथ वॉसिंग पीट भी बनाया जा रहा है, ताकि उन्हें काफी आसानी हो सके। कोयला नगर, जगजीवन नगर व कोयला भवन बैरेक में फिलहाल यह सुविधा की गई है।
जवानों का पूरा ख्याल रखा जाता है। तीन जवानों की मौत कोरोना से हुई है। कोरोना को लेकर नियमित जांच हो रहा है। अन्य बीमारियों से भी जवानों की मौत हुई है।
– पी रमण, डीआइजी, सीआइएसएफ धनबाद।