समाज के लिए बोझ नहीं दिव्यांग, सहारे की है जरूरतः केन्द्रीय मंत्री जिला प्रशासन ने सीफॉर संस्था के सहयोग से दिव्यांगों की मदद के लिए तैयार दिव्यांग सेतु एप किया लांच



सिद्धार्थनगर । दिव्यांग समाज के लिए बोझ नहीं है, उन्हें बस सहारे की जरूरत है। दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है। दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा का अभिन्न अंग बनाने के साथ स्वावलंबी बनाने के लगातार प्रयास हो रहे हैं।
यह बातें गुरुवार को वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कही। लोहिया कला भवन में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग एवं सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सहयोग से दिव्यांगजनों के लिए आयोजित सामाजिक अधिकारिता शिविर को श्री गहलोत ने वर्चुअल माध्यम से बतौर अतिथि संबोधित किया। इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा स्वंयसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सी-फॉर) के सहयोग से दिव्यांगजनों की मदद के लिए तैयार दिव्यांग सेतु एप को भी लांच किया गया।
इस एप के माध्यम से दिव्यांग अपनी जरूरतों (उपकरण) और समस्याओं के बारे में प्रशासन को ऑनलाइन अवगत करा सकते हैं। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विभाग पिछले छह वर्षों से दिव्यांगजनों को मुख्य धारा में लाने के लिए लगातार पारदर्शिता के साथ समुदाय के बीच शिविर आयोजित कर उपकरण वितरित कर रही है। वर्ष 2015 से अब तक देश में 9334 शिविरों के माध्यम से 17 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को लाभ पहुंचाया जा चुका है। इस अवसर पर सांसद जगदंबिका पाल ने कहा जिले के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए नीति आयोग ने जिले को गोद लिया है।
शिक्षा, स्वास्थ्य समेत कई क्षेत्रों में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। एलिम्को के सहयोग से 80 फीसदी से अधिक दिव्यांगों को निःशुल्क उपकरण देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। दिव्यांगजनों को नौकरी के क्षेत्र में आरक्षण देकर स्वावलंबी बनाने का प्रयास जारी है। जिले में 107 दिव्यागंजन को मिलने वाले मोटराइज टाई साइकिल से वह न सिर्फ चल सकेंगे, बल्कि रोजगार भी कर सकेंगे। इस इलेक्ट्रानिक वाहन में पीछे बॉक्स बना है। इससे दिव्यांगजन पेपर, दूध व अन्य चीजों को वितरित कर या बिक्री कर परिवार की जीविका चला सकेंगे। इस यंत्र की कीमत 3700 रुपये प्रति साइकिल है। उन्होंने कहाकि जिला प्रशासन द्वारा सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से तैयार किया गया। दिव्यांग सेतु एप उपकरण उपलब्ध कराने में काफी सहायक बनेगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि दिव्यागंजनों के हर संभव मदद को लेकर सरकारी महकमा संजीदा है। सीफॉर ने लॉकडाउन के दौर में निगरानी समिति, पेंशनर्स के बीच कार्य कर उनके स्थिति व समस्याओं से लगातार अवगत कराता रहा है। दिव्यांगों के लिए एप लांच कर सुविधा उपलब्ध कराना सामाजिक रूप से बेहतर प्रयास है। कार्यक्रम का समापन महाप्रबंधक ले. कर्नल पीके दूबे ने किया। इस दौरान विधायक श्यामधनी राही, एसपी रामअभिलाष त्रिपाठी, दिव्यांजन सशक्तिकरण अधिकारी एजाजुल हक खान, समाज कल्याण अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता, डीडीओ शेषमणि सिंह, एसडीएम अनिल कुमार, एसडीएम सुदामा प्रसाद आदि मौजूद रहे।
इन्हें मिला सम्मान पत्र
वर्ष 2020-21 में दिव्यांगता के क्षेत्र में प्रेरणाश्रोत बनी नौगढ़ कस्बे की मोनी वर्मा व दिव्यांगता के क्षेत्र में बाधामुक्त वातावरण के सृजन हेतु स्वैच्छिक संस्था सिद्धार्थ शिक्षा निकेतन रमवापुर राउत के रवि श्रीवास्तव को राज्य स्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया है। दोनों लोगों को कार्यक्रम के दौरान प्रमाण पत्र, शाल भेंटकर सम्मानित किया गया है।
इतने दिव्यांगजनों को मिला उपकरण
जिले भर से चयनित 80 फीसदी से अधिक 107 दिव्यांगजनों को मोटराइजड ट्राई साइकिल दी गयी। इसके अलावा 24 वृद्धजनों को चश्मा, दांत, कान की मशीन, छड़ी जैसे उपकरण वितरित किए गए।