Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 11 करोड़ परिवारों से ली जाएगी मदद, तैयार किया गया पत्रक
रामनगरी अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। रामलला के मंदिर निर्माण के साथ श्रीराम जन्मभूमि परिसर में अन्य व्यवस्थाओं को लेकर 11 करोड़ परिवारों से सौ रुपये की आर्थिक सहायता लेने और मंदिर निर्माण सहित 67 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित निर्माण कार्यों की जानकारी के लिए पत्रक तैयार किया गया है। इस फोल्डर में राम मंदिर मॉडल का चित्र और उसके साथ ही मंदिर का आकार-प्रकार भी दिया गया है।
विहिप के केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल की बैठक में पहले ही तय हो चुका है कि यह अभियान 15 जनवरी से शुरू होकर 27 फरवरी 2021 तक चलेगा। इस अभियान में देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों से सम्पर्क कर प्रति व्यक्ति न्यूनतम दस रुपये व प्रति परिवार एक सौ रुपये की सहायता राशि एकत्र की जाएगी। इसके लिए तैयार किया गया पत्रक हिंदी और अंग्रेजी भाषा में है। इसे देश के अन्य भाषाओं में भी निकाला जाएगा। यह पत्रक 11 करोड़ परिवारों तक पहुंचाने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी लगाये जाएंगे।
पत्रक में वर्णित है कि प्रस्तावित मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़ यानी 57 हजार 400 वर्ग फीट है। प्रस्तावित मंदिर की लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट तथा शिखर सहित ऊंचाई 161 फीट है। भूतल के स्तंभों की संख्या 107, प्रथम तल में स्तंभों की संख्या 132 तथा दूसरे तल के स्तंभों की संख्या 74 होगी। पत्रक के दूसरे पृष्ठ पर रामजन्मभूमि परिसर महायोजना संग्रहालय, ग्रंथालय, रंगभूमि, यज्ञशाला, सम्मेलन केंद्र, सत्संग भवन, धर्मशाला, अभिलेखागार, अतिथि भवन, अनुसंधान केंद्र, प्रशासनिक भवन, आवासीय परिसर, प्रदर्शनी, तीर्थ यात्री केंद्र आदि के निर्माण की योजना की जानकारी दी गयी है।
कार्यकर्ताओं के लिए जारी निर्देश में कहा गया है कि संग्रहित नकद, चेक और डीडी को दूसरे दिन एसबीआइ की शाखा में प्रतिदिन जमा करना अनिवार्य है। तय तारीख के निधि जमा करने की सुविधा नहीं रहेगी। इस अभियान के निमित्त सभी व्यय भुगतान संबंध सूचना बाद में दी जाएगी। पत्रक हिंदी और अंग्रेजी में भेजा जाएगा। आवश्यकता के अनुसार मातृभाषा में छपवा कर उपयोग कर सकते हैं। निधि संग्रह का विवरण प्रतिदिन केंद्र को भेजने के लिए एक साफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाएगा। ऑनलाइन समर्पण के लिए एक मोबाइल एप की व्यवस्था विचारा चल रहा है।