01 November, 2024 (Friday)

Covid-19 Test: कोरोना वायरस के सभी टेस्ट के बीच के अंतर को ऐसे समझें!

Covid-19 Test: कोरोना वायरस ने इस साल हम सभी की ज़िंदगी पूरी तरह से बदल कर रख दी। क्योंकि ये संक्रमण नया है इसलिए शुरुआत में इसके बारे में जानकारी भी कम थी। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर इससे जुड़े कई तरह के मिथक आए दिन देखने को मिल जाते हैं, इसलिए लोगों के बीच इस संक्रमण को लेकर डर और बेचैनी बढ़ती जा रही है।

कोविड मरीज़ों में हल्के, सामान्य सर्दी और फ्लू जैसे लक्षणों के बारे में जैसे ही पता चला, वैसे ही एक बार खांसने पर भी लोगों को कोविड होने का शक़ होने लगता था। इसके अलावा कोविड के एसिम्टोमैटिक लक्षणों ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी। यही वजह है कि लोगों ने अपने आसपास हो रहे कोविड-19 टेस्ट को ढूढ़ना शुरू कर दिया।

कई लोग कोविड-19 की संभावना का पता लगाने के लिए टेस्ट करवाना चाहते थे, ताकि वे दूसरे लोगों के लिए जोखिम न बन जाएं। कई राज्य सरकारों ने यात्रा के लिए कोविड-19 टेस्ट को अनिवार्य बना दिया है। यहां तक कि अगर किसी को दूसरे राज्य किसी ज़रूरी काम के लिए जाना है तो इसे भी टेस्ट करवाना पड़ेगा।

भारत में कोविड-19 जांच के लिए कौन-कौन से टेस्ट उपलब्ध हैं?

इस वक्त, भारत में कोरोना वायरस के लिए तीन तरह के टेस्ट किए जा रहे हैं। जिसमें रेपिड एंटीजन टेस्ट, RT-PCR टेस्ट और कोविड-19 एंटीबॉडी टेस्ट शामिल है।

RT-PCR परीक्षण, जिसे रियल-टाइम-पॉलिमर चेन रिएक्शन टेस्ट के रूप में जाना जाता है, शुरुआत में ICMR द्वारा स्वीकृत कोविड-19 परीक्षण के लिए एकमात्र टेस्ट का तरीका था। ये टेस्ट संदिग्ध कोविड-19 मरीज़ के गले औक नाक से एकत्र किए गए स्वैब पर किया जाता है। इन टेस्ट किट्स में अभिकर्मक और केमिकल्स शामिल होते हैं यह जांचने के लिए कि रोगी के नमूनों में कोविड-19 वायरस है या नहीं। उन्हें कोविड-19 के परीक्षण का सबसे विश्वसनीय रूप माना जाता है।

दूसरी ओर एंटीबॉडी परीक्षण, RT-PCR की तुलना में तेजी से होते हैं। इसके परिणाम जल्दी आ जाते हैं। ये परीक्षण रक्त में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी की जांच करते हैं। एंटीबॉडी की उपस्थिति का मतलब है कि व्यक्ति निकट अतीत में वायरस से संक्रमित हुआ था।

Rapid Antigen Test लैब के बाहर किया जाने वाला टेस्ट है। इसका इस्तेमाल टेस्ट के नतीजे को तुरंत जानने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट में नाक से स्वाब लिया जाता है। इस टेस्ट में SARS-CoV-2 वायरस में पाए जाने वाले एंटीजन का पता चलता है। टेस्ट के नतीजे में एंटीजन की मौजूदगी कोरोना के संभावित संक्रमण का लक्षण है। एंटीजन वो बाहरी पदार्थ है, जो कि हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी पैदा करने के लिए एक्टिवेट करता है। एंटीबॉडीज़ बीमारियों से लड़ने में कारगर साबित होती हैं। एंटीजन वातावरण में मौजूद कोई भी तत्व हो सकता है, जैसे कि कैमिकल, बैक्टीरिया या फिर वायरस। एंटीजन नुकसानदेह है, शरीर में इसका पाया जाना ही इस बात का संकेत है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को एक बाहरी हमले से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने पर मजबूर होना पड़ा है।

कोविड-19 के टेस्ट के तरीकों में अंतर

भारत में तीन तरह के टेस्ट का उपयोग किया जा रहा है, RT-PCR टेस्ट, रेपिड एंटीजेन और एंटीबॉडी टेस्ट, जिन्हें ICMR द्वारा स्वीकृति मिली हुई है। ये दोनों टेस्ट अलग तरह से काम करते हैं। RT-PCR टेस्ट वायरस का पता लगाता है और एंटीबॉडी टेस्ट खून में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज़ का पता लगाता है। रेपिड एंटीजेन टेस्ट नाक से लिया जाता है, आरटी-पीसीआर परीक्षण नाक और गले से लिए गए तरल पदार्थ पर किया जाता है, जबकि एंटीबॉडी परीक्षण खून पर किए जाते हैं।

इन तीनों टेस्ट के परिणामों के आने का समय भी अलग-अलग है। रेपिड एंटीजेन का परिणाम कुछ ही मिनटों में आ जाता है। RT-PCR टेस्ट का परिणाम आने में 5 से 6 घंटे का समय लगता है, जबकि एंटीबॉडी टेस्ट का परिणाम 15 से 30 मिनट में आ जाता है। हालांकि, आजकल टेस्ट करनावे वालों के संख्या काफी ज़्यादा है, इसलिए अगर आप इनमें से कोई टेस्ट करवाते हैं, तो उसका परिणान आने में 24 घंटे से ज़्यादा का समय लग सकता है।

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