महिलाएं भी जिम में करती हैं एक्सरसाइज, जानें उनको क्यों नहीं आते हार्ट अटैक?
पिछले करीब एक साल से देश में हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. कम उम्र में ही दिल का दौरा पड़ने से मौत हो रही है. बीते कुछ समय से हार्ट डिजीज को लेकर एक खास ट्रेंड देखने को मिल रहा है. जिम में एक्सरसाइज करते हुए हार्ट अटैक आ रहा है. जो संभलने का मौका तक नहीं दे रहा और लोगों की जान ले रहा है. एक दिन पहले ही टीवी अभिनेता सिद्धांत वीर सूर्यवंशी की जान एक्सरसाइज करते हुए चली गई. उनको दिल का दौरा पड़ा था. इससे पहले हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव, कन्नड़ फिल्मों के जाने माने एक्टर पुनीत राजकुमार और अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला का निधन भी वर्कआउट के दौरान आए हार्ट अटैक से हुआ था.
ऐसी लोगों की सूची काफी लंबी है जिनको एक्सरसाइज करते हुए दिल का दौरा पड़ा और मौत हो गई, लेकिन इसमें गौर करने वालों बात यह है कि वर्कआउट करते हुए हार्ट अटैक आने के केस पुरुषों में ही देखे जा रहे हैं. जबकि, महिलाएं भी एक्सरसाइज करती हैं और वह भी कोविड से संक्रमित भी हुई है, लेकिन फिर भी ऐसा क्यों है कि महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने के मामले ना के बराबर ही हैं? ये जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बातचीत की है.
महिलाओं को क्यों कम होता है हार्ट डिजीज का खतरा?
इस बारे में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अजित कुमार बताते हैं कि मेडिकल साइंस में ऐसी कई रिसर्च की गई हैं, जिनमें यह बताया गया है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में हार्ट डिजीज का खतरा काफी कम होता है. इसका एक बड़ा कारण यह है कि महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन बनता है. यह हार्मोन शरीर के बेड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल में रखता है. चूंकि कोलेस्ट्रॉल बढ़ना हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण होता है. इसलिए ही महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम रहता है. हालांकि 50 साल की उम्र के बाद महिलाओं में भी हार्ट डिजीज का खतरा रहता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस उम्र में मेनोपॉज हो जाता है और एस्ट्रोजन हार्मोन काफी कम मात्रा में बनता है.
बॉडी बनाने के लिए स्टेरॉयड लेना
इंडो यूरोपियन हेल्थ केयर के डायरेक्टर डॉ चिन्मय गुप्ता बताते हैं कि पुरुषों में आजकल बॉडी बनाने का एक फैशन चल गया है. फिल्म इंडस्ट्री में काफी करने वाले एक्टर्स पर सिक्स पैक0 एब्स बनाने का दबाव रहता है. इसके लिए वे कई प्रकार के स्टेरॉयड भी लेते हैं, जिसका सीधा असर हार्ट फंक्शन पर पड़ता है. स्टेरॉयड में मिले हुए कई तत्व हार्ट को कमजोर कर देते हैं.अगर लगातार स्टेरॉयड ले रहे हैं तो ये हार्ट अटैक का कारण भी बन जाता है.
पुरुष करते हैं प्रोटीन का सेवन- एक्सपर्ट्स
पुरुष खुद को फिट दिखाने के लिए कई तरह के प्रोटीन भी लेते हैं. कई मामलों में डॉक्टरों की सलाह के बिना भी वे इनका सेवन करते हैं, जिससे दिल की आर्टरीज पर असर होता है और हार्ट अटैक आने का रिस्क बढ़ जाता है. डॉ गुप्ता बताते हैं कि जेनेटिक वजहों से भी महिलाओं में पुरुषों की तुलना में कोलेस्ट्रॉल काफी कम मात्रा में बनता है. चूंकि कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है. ऐसे में महिलाओं को एक्सरसाइज करते हुए भी हार्ट डिजीज का खतरा काफी कम रहता है. यह भी एक बड़ा कारण है जिससे महिलाओं में हार्ट अटैक कम और पुरुषों में ज्यादा आते हैं.
स्मोकिंग और शराब का सेवन बड़ा रिस्क फैक्टर
डॉ चिन्मय गुप्ता बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्मोकिंग की दर कम है. अधिकांश पुरुष स्मोकिंग कर रहे हैं. स्मोकिंग शरीर में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर सकता है. जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. अगर कोई पुरुष दिन में 10 सिगरेट पी रहा है तो उसमें हार्ट अटैक का खतरा 30 से 40 फीसदी तक बढ़ जाता है. यह भी देखा जा रहा है कि पुरुषों में मेंटल स्ट्रेस बढ़ रहा है. ये भी हार्ट डिजीज का एक कारण बन जाता है.
पुरुष ऐसे करें बचाव
डॉ गुप्ता बताते हैं कि जिम में एक्सरसाइज करने से पहले हमेशा अपने हार्ट की जांच कराएं. अगर हार्ट में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ा हुआ है या फिर किसी आर्टरीज में कोई ब्लॉक है, तो पहले उसका इलाज करें. अगर हार्ट ठीक है तो भी जिम में कभी अचानक से हैवी वर्कआउट न करें. क्योंकि इससे हार्ट पर असर पड़ सकता है. बॉडी बनाने के चक्कर भी स्टेरॉयड न ले और डॉक्टरों की सलाह के हिसाब से ही कोई प्रोटीन या फिर दवा का सेवन करें. अगर रोजाना एक्सरसाइज करते हैं तो स्मोकिंग करना छोड़ दें. बिना वजह मानसिक तनाव न लें और खानपान का ध्यान रखें.