Carbohydrates Linked To Heart Health: ब्रेड, राइस, पास्ता और नूडल का सेवन आपको बना सकता है दिल का मरीज़
जंक फूड हमारी डाइट का अहम हिस्सा बन गया है। न्यू जनरेशन को अगर मौका मिले तो वो हर वक्त के मील में ब्रेड, राइस, पास्ता, नूडल्स का ही इस्तेमाल करें। ये सब चीजें जिसे हम बेहद शौक से पौष्टक आहार समझ कर इस्तेमाल करते हैं वो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। आप जानते हैं कि इस तरह की डाइट में खराब गुणवत्ता वाला कार्बोहाइड्रेट और रसायन पाए जाते है जो खून में शूगर की मात्रा को बढ़ा देते है। एक नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि खराब गुणवत्ता वाला कार्बोहाइड्राइट जिस डाइट में ज्यादा हो, अगर उसका सेवन ज्यादा किया जाए तो इससे हार्ट अटैक और मौत का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। इस रिसर्च को न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं ने कई देशों के लोगों पर अध्ययन करके पाया है कि जिस फूड में पुअर क्वालिटी कार्बोहाइड्रेट ज्यादा मात्रा में होता है उससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मौत का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
आखिर ग्लिसिमक डाइट क्या है जिससे खून में शूगर की मात्रा बढ़ती है, यहां जानें
सफेद गेंहूं के आटे का ब्रेड
सफेल राइस
ब्रेकफास्ट सेरेल्स
पोटैटो और फ्राइस
चिप्स और राइस क्रेकर
तरबूज और अन्नानास
खजूर, किशमिश और क्रेनबेरी।
यानी इन सबका ज्यादा सेवन करने से दिल की बीमारियों के होने की आशंका ज्यादा रहती है।
ग्लिसिमिक डाइट किसे कहते है?
पुअर क्वालिटी कार्बोहाइड्रेट हाई ग्लिसिमिक डाइट को कहते हैं। यानी अगर हाई ग्लिसिमिक डाइट ली जाए तो खून में शूगर की मात्रा बढ़ जाती है जिससे दिल से संबंधित कई बीमारियां और डायबिटीज होने की आशंका रहती है। पॉपुलेशन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट ने दुनिया भर के करीब 1.38 लाख लोगों पर साढ़े नौ साल तक बारीकी से ध्यान रखा। इसमें 35 से 70 वर्ष के लोग शामिल थे। रिसर्च में शामिल लोगों से खान-पान से संबंधित कई तरह के सवाल पूछे गए। इसमें पूछा गया कि उन्होंने अपने जीवन में किस तरह की डाइट ली या किस तरह की डाइट का सेवन ज्यादा किया। इस रिसर्च में शामिल लोगों में से 8780 लोगों की मौत दिल से संबंधित बीमारियों के कारण हुई जबकि 8,252 लोग किसी न किसी तरह से दिल की बीमारियों से पीड़ित थे। रिसर्च के बाद पाया गया कि जिन लोगों की डाइट में 20 फीसदी से अधिक ग्लिसिमिक (इंडेक्स) शामिल था, उन लोगों में दिल से संबंधित बीमारियों का जोखिम 50 फीसदी से अधिक पाया गया। इन लोगों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मौत के मामले ज्यादा मिले। यह स्थिति तब और खराब हो जाती है जब मोटापे से पीड़ित लोग ग्लिसिमक डाइट का अधिक सेवन करने लगते हैं।