हैदराबाद के आखिरी निजाम के पोते ने कहा- नेता नहीं बदल सकते ‘गंगा-जमुनी तहजीब’
हैदराबाद के सातवें और आखिरी निजाम शासक मीर उस्मान अली खान के पोते नवाब नजफ अली खान ने कहा है कि राजनेता हैदराबाद की शताब्दियों पुरानी ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ को बदल नहीं सकते हैं। उनकी यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि भाजपा हैदराबाद को निजाम संस्कृति से मुक्त कराना चाहती है।
नजफ अली खान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसपल कारपोरेशन (जीएचएमसी) के चुनाव प्रचार में कुछ राजनीतिक पार्टियों ने तत्कालीन हैदराबाद स्टेट के अंतिम शासक की छवि खराब करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि जब कभी चुनाव होते हैं, उनके दादा की आलोचना की जाती है और उनके द्वारा की गई सेवाओं की उपेक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि नेताओं को चाहिए कि मतदाताओं को आकषिर्षत करने के लिए वे अपनी कल्याणकारी योजनाओं की बात करें न कि सातवें निजाम के बारे में नकारात्मक बातें करें। शहर का नाम बदलने या इसे निजाम संस्कृति से मुक्त करने का वादा करना ध्यान आकषिर्षत करने के शिगुफा के अलावा कुछ नहीं है।
जीएचएमसी के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन रोड शो के बाद संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्री ने कहा था कि सरदार पटेल के कारण हैदराबाद और आसपास के इलाके भारत के साथ जु़़डे, लेकिन जिन्होंने उस दौरान पाकिस्तान जाने की मुहिम चलाई थी ऐसी निजाम संस्कृति से हम हैदराबाद को निजात दिलाना चाहते हैं। शाह ने कहा, हम हैदराबाद को नवाब-निजाम कल्चर से मुक्त कराते हुए इसे आधुनिक शहर बनाना चाहते हैं। हैदराबाद को डाइनेस्टी से डेमोक्रेसी, भ्रष्टाचार से पारदर्शिता और तुष्टीकरण से विकास की ओर ले जाना चाहते हैं।