लखनऊ में शराब पीने के ‘नियम’ तय अगर नहीं माने तो 6 महीने की जेल
लखनऊ : लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद लखनऊ जिला प्रशासन ने शराब की दुकानों के बाहर या उसके आसपास समेत सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने पर पाबंदी लगा दी है. जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने शराब विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि तय स्थानों के अलावा अन्य किसी भी स्थान पर शराब का सेवन न किया जाए. जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों, शराब की दुकानों के बाहर पार्किंग स्थलों और सड़क के किनारे शराब पीने पर रोक है.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने से आम जनता को असुविधा हो सकती है और कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है. इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना और छह महीने तक की जेल हो सकती है.
दरअसल, चुनाव के दौरान जो भी नकदी और शराब जब्त की जाती है, उसे अगर कानूनी तरीके से लाया गया है तो उसे छोड़ दिया जाता है. हालांकि जो शराब बिना कागज के लाई जाती है, उसे जब्त कर लिया जाता है.
चुनाव के दौरान जब्त की गई शराब को एक जगह पर एकत्र कर दिया जाता है और उसे बाद में नष्ट कर दिया जाता है. एक जगह पर इन सभी बोतालें को रखकर रोडरोलर से उसे कुचलकर नष्ट कर दिया जाता है