दीपावली पर इस साल भी छह से 16 नवंबर तक लगेगा पटाखा बाजार
अलीगढ़। आतिशबाजी को लेकर प्रशासन अब कड़े फैसले ले रहा है। पिछले दो साल में जिले के 53 स्थायी लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार सिंह ने शहर व देहात के निष्क्रिय लाइसेंस धारकों पर यह कार्रवाई की है। अब जिले में महज 70 स्थायी लाइसेंस ही रह गए हैं। इनकी सक्रियता को लेकर भी जांच चल रही है।
प्रशासन की ओर से जिले भर में आतिशबाजी के लिए स्थायी लाइसेंस जारी किए जाते हैं। पांच साल पहले तक जिले भर में करीब डेढ़ सौ से अधिक लाइसेंस थे। यह लाइसेंस पूरे साल इनके आधार पर पटाखों की बिक्री कर सकते हैं, लेकिन पिछले कई सालों से तमाम लोगों ने आतिशबाजी का धंधा छोड़ दिया है। वहीं, कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में पिछले साल से सिटी मजिस्ट्रेट ने सभी लाइसेंस धारकों की जांच की थी। इनमें 2019 में 25 लाइसेंस निरस्त कर दिए। वहीं, इस साल भी करीब 28 लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। अब जिले में महज 70 स्थायी लाइसेंस रह गए हैं। इनमें से 21 लोगों को आतिशबाजी बेचने व बनाने का अधिकार भी है। वहीं, 49 लोगों को महज आतिशबाजी बेचने का अधिकार है। सिटी मजिस्ट्रेट ने इनके लिए भी टीमें गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। यह टीमें इन लाइसेंस धारकों के यहां पहुंचकर भौतिक सत्यापन करेंगी। सिटी मजिस्ट्रेट विनीत कुमार सिह का कहना है कि शासन से अब आतिशबाजी को लेकर नियमों में बदलाव कर दिया है। ऐसे में इन्हीं की जांच पड़ताल कराई जा रही है। इसके लिए करीब दो सौ लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं। कोरोना के नियमों के तहत ही पटाखा की बिक्री होगी।