केएमसी से 65 लाख अवैध वसूली की मैनेजर ने की मांग जिला अधिकारी सहित प्रधानमंत्री से की शिकायत – डॉक्टर बृजेश यादव
दिबियापुर (औरैया) । उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जनपद औरैया में पहला कोविड-19 संक्रमित इलाज के लिए चयनित केएमसी अस्पताल को बैंक की हठधर्मिता और जिला प्रशासन की मायूसी के चलते ताला लगने की कगार पर है यहां पर जनपद के गरीब मजदूर एवं आपातकाल में इलाज के लिए मरीज भर्ती होते हैं और उनको तत्काल इलाज मिलता है जिससे उनकी जान बच जाती है वही इस ग्रामीण क्षेत्र में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के खुलने से जहां ग्रामीणों मजदूरों ऐसा क्यों का इलाज कम पैसे में हो जाता है वही बैंक की नाकामी और जिला प्रशासन की मायूसी से अस्पताल पर संकट गहरा रहा है जबकि सर्जन डॉक्टर बृजेश यादव ने कहा कि वह बैंक का पाई पाई चुकाने के लिए तैयार हैं लेकिन उनको समय दिया जाए।
जानकारी के अनुसार केएमसी अस्पताल के डायरेक्टर कमलेश यादव एडवोकेट में जिला अधिकारी को संबोधित ज्ञापन देते हुए अपील की थी उनके अस्पताल ने पंजाब नेशनल बैंक से 110000000 रु लोन लिया था जिसके एवज में केएमसी द्वारा 7 करोड़ पचास लाख रुपया वापस कर दिया गया है लेकिन बैंक ने हॉस्पिटल चलाने के लिए कोई वर्किंग कैपिटल नहीं दी और ना ही समुचित ऑडिटोरियम पीरियड दिया जिससे स्पष्ट है कि अवैधानिक प्रलोभन के चक्कर में हॉस्पिटल को चलाने में अवरोध किया है तथा बिना एनपीए खाते को खराब बैंक के कर्मचारियों व अधिकारियों ने अवैधानिक खर्चे आदि डालकर गलत ब्याज अंकित कर दिया है । उन्होंने जिला अधिकारी से अपील की कि स्वीकृत पत्रों का भी अवलोकन कर सैंक्शन में 13% ब्याज अंकित है जबकि 2016 के सेक्शन में ब्याज दर 12.55 अंकित किया था उन्होंने कहा कि आपत्ति करता ने एकाउंट रिस्ट्रक्चर होने के आधार पर लगभग 25 बीमा कंपनियों से अनुबंध किया एनटीपीसी से अनुबंध किया उसको टीका हास्पिटल होने के कारण जनपद में सबसे पहले 23 सितंबर 2018 को ही आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत हॉस्पिटल अनुबंधित किया जिसमें करीब 517 बड़े ऑपरेशन हुए तथा 900 ओपीडी भारत सरकार ने सम्मानित भी किया। वही राज्यपाल महोदय उत्तर प्रदेश सरकार ने करोना काल के दौरान L2 हॉस्पिटल चयन के लिए प्रदेश की पहली लिस्ट में केएमसी हॉस्पिटल का भी नाम लिया जिसका सर्जन डॉक्टर बृजेश यादव द्वारा शासनादेश के अनुसार कार्य हो रहा था। एडवोकेट कमलेश ने जिला अधिकारी से गुहार लगाई कि क्षेत्रीय जनता की सुविधा को देखते हुए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को नियमित चालू रखा जाए । जिससे वहां पर मौजूद करीब आधा सैकड़ा मरीजों का इलाज चल रहा है वह प्रभावित न हो और जब तक माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई न हो तब तक केएमसी अस्पताल को न बंद किया जाए। सर्जन डॉक्टर बृजेश यादव ने प्रधानमंत्री सहित वित्त मंत्री , स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार, राज्यपाल व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को सम्बोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को सौपा । व मामले में संज्ञान लेने की अपील की । इस मौके पर एडवोकेट सुरेंद्र नाथ शुक्ला पूर्व सुनील दुबे एडवोकेट, सुधीर यादव उर्फ कल्लु एडवोकेट, कमलेश यादव एडवोकेट सहित एक दर्जन वकील जिलाधिकारी से मिले ।